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मजार के अहाते में पटना हाई कोर्ट से सटी इमारत के निर्माण पर फैसला सुरक्षित

पटना हाई कोर्ट की नई बिल्डिंग (शताब्दी भवन) के पास मजार से सटी एक बहुमंजिली इमारत के निर्माण के मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। हाई कोर्ट इस मामले में 19 जुलाई को फैसला सुनाएगा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 12:04 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 12:04 PM (IST)
मजार के अहाते में पटना हाई कोर्ट से सटी इमारत के निर्माण पर फैसला सुरक्षित
पटना हाईकोर्ट से सटी इमारत को लेकर फैसला सुरक्षित कर लिया गया है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: पटना हाई कोर्ट की नई बिल्डिंग (शताब्दी भवन) के पास मजार से सटी एक बहुमंजिली इमारत के निर्माण के मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। हाई कोर्ट इस मामले में 19 जुलाई को फैसला सुनाएगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस भवन के निर्माण पर रोक लगा दी थी और राज्य सरकार से जवाब मांगा था कि क्या इसके निर्माण को लेकर पटना हाई कोर्ट और पटना नगर निगम से भी अनुमति ली गई थी? 

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बताते चलें कि राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने हाई कोर्ट को बताया था कि नई बिल्डिंग से सटी मजार के करीब वक्फ बोर्ड का चार मंजिला कार्यालय बन रहा है। कार्यालय के सबसे नीचे मुसाफिरखाना बन रहा है। यह तीन तल्ले का भवन है। फिर भी निर्माण में किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी। इस पर न्यायाधीशों ने कहा था कि यह गलत तरीके से बना है। बिल्डिंग बायलाज की धारा-21 में स्पष्ट है कि विधानसभा, राज्यपाल और हाई कोर्ट के भवन से सटी कोई दूसरी बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकती है। उसकी ऊंचाई 10 मीटर से ज्यादा कभी नहीं होनी चाहिए। इस मामले पर गुरुवार को न्यायाधीश अश्वनी कुमार सिंह, न्यायाधीश विकास जैन, न्यायाधीश ए. अमानुल्लाह, न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह, न्यायाधीश आरके मिश्रा की लार्जर बेंच ने सुनवाई की।

छह महीने में कामर्स शिक्षकों की बहाली पर भी सुनवाई

बता दें कि गुरुवार को एक अन्य ममामले में सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने राज्य के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कामर्स विषय के शिक्षकों की बहाली छह महीने में करने का आदेश दिया। अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में कामर्स शिक्षकों के लगभग 13 सौ पद रिक्त हैं, जिसे राज्य सरकार ने अपने हलफनामा में स्वीकार किया है। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि तीन माह में कामर्स शिक्षकों की रिक्तियों को तय करें। 


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