शराबबंदी के निर्णय ने बदल दी इस महिला की जिंदगी, मिला अत्याचार से छुटकारा
बिहार के लखीसराय की रहने वाली एक महिला की जिंदगी अब पूरी तरह बदल चुकी है। उसे रोज-रोज के अत्याचार से छुटकारा मिल गया। यह सब मुमकिन हो पाया शराबबंदी की वजह से।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के लखीसराय के रामगढ़ चौक की रहने वाली विमली देवी की जिंदगी शराबबंदी के फैसले से पूरी तरह बदल चुकी है। पति के शराब की आदत खत्म हो गई है और अब अत्याचार बीते दिनों की बात है।
लखीसराय के रामगढ़ चौक प्रखंड स्थित गुणसागर गांव पहले शराब से त्रस्त था। गांव की बड़ी आबादी किसी न किसी नशे के गिरफ्त में थी। हालात यह थे कि शाम होते ही महिलाओं और बच्चों में यह डर समा जाता था कि कब नशे में धुत उनका पति उसे या फिर उनके बच्चों की बेरहमी से पिटाई कर दे। गाली-गलौज कर दे। महिलाएं विवश होकर अपने सामने अपने बच्चों को पिटता हुआ देखती थी और बच्चे अपनी मां की प्रताडऩा को देख रहे थे। हर रोज की त्रासदी थी यह। परेशान विमली वर्षा जीविका समूह एवं क्रांति जीविका ग्राम संगठन की सदस्य थीं।
जीविका से जुडऩे के बाद विमली देवी को अपने अधिकारों और ताकत की जानकारी होने लगी थी, पर अपने पति के शराब की आदत से वह लाचार थी। जब वह अपने पति को शराब पीने से मना करती तो वह उसे पीटने लगता था। शराब के कारण घर आर्थिक संकट से भी गुजरने लगा था। शराब ने विमली देवी के पति लालू चौधरी को शारीरिक रूप से काफी कमजोर कर दिया था।
इसी दौरान राज्य सरकार ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी का फैसला लिया। इस फैसले से हताश और निराश हो चुकी विमली देवी को मानो संजीवनी मिल गई। शराब बंद हो जाने से उसके पति लालू चौधरी के जीवन में बदलाव आने लगा। पहले उन्हें थोड़ी कठिनाई भी हुई। विमली ने अपने पति का पूरा सहयोग किया और शराब से उबरने में मदद की। अब विमली के पति की बुरी लत छूट चुकी है। विमली देवी और उसके बच्चों पर अत्याचार की बात बीते दिनों की बात हो गई है।