बेटी के शादी मंडप में पिता की मौत, चीत्कार में बदले मंगलगीत
घर में बेटी की शादी हो रही थी। मंगलगीत गाये जा रहे थे। लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ कि पूरा माहौल गमगीन हो गया। मंगलगीत चित्कार में बदल गए।
पटना [जेएनएन]। घर में बेटी की शादी थी। चारो ओर चहल-पहल का माहौल था। कोई खाने के इंतजाम में लगा था, तो किसी बारातियों के स्वागत की जिम्मेवारी दी गई थी। घर में शहनाई की धुन परवान पर थी। महिलाएं मांगलिक गीत गाने में मशगुल थी। शादी की रस्म अंतिम पायदान पर थी। बस कन्यादान का विधान आने ही वाला था। इसी दौरान मंडप पर ही पिता बिपिन सिंह लुढ़क गए। घटना पटना जिले के मोकामा की है।
लोगों ने सोचा गर्मी की वजह से चक्कर आ गया होगा। आननफानन में उन्हें बाहर ले जाकर खुले में सुलाया गया। चेहरे पर पानी के छीटें मारे गए। इधर पंडित को शादी की रस्म जारी रखने को कहा गया। लोग घबराने की कोई बात न कहकर सारी रस्में कायम रखने को कह गए। सब कुछ सामान्य बनाने का प्रयास किया गया। उधर पिता को होश नहीं आता देख कर लोगों की बेचैनी बढऩे लगी थी। आनन-फानन में निकट के निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस दुखद समाचार को लोगों ने गोपनीय रखा। समारोह स्थल पर यह संवाद भिजवाया गया अब ठीक हैं लेकिन आराम की जरुरत है। लोगों को झूठी तसल्ली तो दे दी गयी। किसी प्रकार सिन्दूर दान व कन्यादान भी पूरा हो गया। आनन-फानन में बेटी डॉली की विदाई भी हो गयी। युवती जब ससुराल पहुंच गई तब उसे इस शोक की खबर दी गई। तत्काल नव विवाहिता बेटी पुन: वापस पिता का अंतिम दर्शन करने को वापस आई।
शादी के जोड़े में लिपटी नव विवाहिता जब पिता के शव पर दहाड़े मार कर रो रही थी, उस वक़्त पूरा माहौल गमगीन हो गया। सबकी आंखे नम हो गई। लोग कह रहे थे कि यह नियती की कैसी क्रूर लीला है।