सीआरपीएफ के शहीद जवानों के पार्थिव शरीर पहुंचे पटना एयरपोर्ट, मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि
जम्मू-कश्मीर के बारामुला में आतंकियों के हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के दोनों जवानों के शव मंगलवार को पटना पहुंचे। एयरपोर्ट पर राज्य सरकार के तीन मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि।
पटना। जम्मू-कश्मीर के बारामुला में आतंकियों के हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के दोनों जवानों के पार्थिव शरीर मंगलवार को पटना एयरपोर्ट पहुंचे। जहानाबाद निवासी लवकुश शर्मा एवं रोहतास वासी खुर्शीद के शव इंडिगो के विमान से पटना पहुंचे थे। शहीद जवानों को एयरपोर्ट पर राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि देने राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री प्रेम कुमार, कृष्णनंदन वर्मा एवं जयकुमार सिंह पहुंचे थे। उनके साथ ही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव एवं पूर्व सांसद तथा जाप सुप्रीमो पप्पू यादव के साथ ही डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, आइजी संजय सिंह, प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल के साथ ही सीआरपीएफ व एसएसबी के तमाम वरीय अधिकारी एयरपोर्ट पहुंचे थे।
मंत्री प्रेम कुमार, कृष्णनंदन वर्मा एवं जय कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आतंकियों के कायराना हमले में बिहार के दो लाल शहीद हुए हैं। हम उनकी वीरता को सलाम करते हैं। बिहार के जवान सीमा पर भी काफी मुस्तैदी व बहादुरी से मोर्चा ले रहे हैं। हमें उनपर गर्व है।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार से पैरा मिलिट्री के जवानों के आतंकी अथवा नक्सली हमलों में मारे जाने पर शहीद का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार के सपूतों की कुर्बानी पर पूरे राज्य के लोगों को गर्व है। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि आतंकियों ने दो जवानों को नहीं बल्कि उनके दो भाइयों को मारा है। अपने दोनों भाइयों की शहादत पर हम मर्माहत हैं।
इस मौके पर सीआरपीएफ के अधिकारियों व जवानों ने भी शहीदों के शवों पर माल्यार्पण किया। इसके बाद लवकुश शर्मा के पार्थिव शरीर को जहानाबाद एवं खुर्शीद के शव को रोहतास के लिए विशेष गाड़ी से पुलिस संरक्षण में भेजा गया।
: यारों का यार था लवकुश :
एयरपोर्ट पर अपने दोस्त को अंतिम सलामी देने पहुंचे जहानाबाद निवासी मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि लवकुश उसके साथ ही गांव के स्कूल में पढ़ता था। वह 2014 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। उसकी बहादुरी को देखते हुए ही बल की ओर से उसकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में की गई थी। पिछले साल दिसंबर में ही वह घर आया था और 20 जनवरी को वापस श्रीनगर लौटा था। उसके पिता का नाम सुदर्शन शर्मा है और पत्नी का नाम अनीता देवी है। उसके दो छोटे-छोटे बेटे हैं और एक बेटी है।
वहीं रोहतास निवासी शहीद जवान खुर्शीद का शव लेने पहुंचे उसके रिश्तेदार खुर्शीद अहमद ने बताया कि खुर्शीद सीआरपीएफ में चालक के पद पर तैनात था। वह काफी कुशल चालक तो था ही बहुत ही बहादुर भी था। उसके पिताजी की कुछ दिन पहले ही मौत हो गई थी।