रोहिणी से पहले चक्रवाती तूफान 'टाक्टे' ने बिहार को दी शुभ सौगात, किसानों का झंझट खत्म
खेतों में धान के लिए बिचड़ा डालने का काम शुरू हो जाएगा। इससे पहले चक्रवाती तूफान टाक्टे का असर किसानों के लिए शुभ संदेश लेकर आया। खरीफ फसल की शुरुआत में ही जोरदार बारिश से किसान खुश नजर आ रहे हैं।
संवाद सहयोगी, इटाढ़ी (बक्सर) : तीन दिनों बाद रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ हो रहा है और इसके साथ ही खेतों में धान के लिए बिचड़ा डालने का काम शुरू हो जाएगा। इससे पहले चक्रवाती तूफान 'टाक्टे' का असर किसानों के लिए शुभ संदेश लेकर आया। खरीफ फसल की शुरुआत में ही जोरदार बारिश से किसान खुश नजर आ रहे हैं। धान की नर्सरी डालने से पहले हुए जोरदार बारिश से खेतो में पटवन करने का झंझट खत्म हो गया। अब खेतो की जुताई कर बीज डालने का काम रोहिणी नक्षत्र में किया जायेगा।
जानें कैसे होगा किसानों का फायदा
किसानों का कहना है कि इस बारिश से सभी खेतों में पटवन हो गया है। अब खेतों की जुताई एक बार करने के बाद धूप लगने के लिए छोड़ दिया जाएगा। ऐसे में खेतों में निकले खर पतवार के बीज, गांठ व जड़ सूख जाएगा। वहीं मिट्टी में दबे हानिकारक कीड़े मकोड़े के अंडे व लारवा समाप्त हो जाएंगे। इसका फायदा धान की फसल को होगा।
बारिश के पानी से खेती में काफी लाभ
किसान कमलेश कुमार सिंह के अनुसार इस बारिश के पानी से खेती में काफी लाभ मिलेगा। इधर. कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. देवकरण का कहना है कि अभी खेतों में हरी खाद यानी ढैचा की खेती करना लाभकारी होगा। एक हेक्टेयर में करीब 16 से 20 किलोग्राम ढैचा का बीज डालना चाहिए। इससे धान की रोपाई के समय उर्वरक की बचत होगी। किसानों की माने तो यह बारिश धान के खेतों के लिए फायदेमंद साबित होगा। रोपनी के समय कम मेहनत करना पड़ेगा।