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उत्तर-पूर्वी राज्यों की संस्कृति से गुलजार होगा बापू सभागार

12 से 14 दिसंबर तक राजधानी के बापू सभागार में देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों की कला-संस्कृति दिखेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 06:30 AM (IST)
उत्तर-पूर्वी राज्यों की संस्कृति से गुलजार होगा बापू सभागार
उत्तर-पूर्वी राज्यों की संस्कृति से गुलजार होगा बापू सभागार

पटना। 12 से 14 दिसंबर तक राजधानी के बापू सभागार में देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों की कला-संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत पूर्वी क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र, कोलकाता और बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से होने वाले रंगारंग सांस्कृतिक आयोजन 'आक्टेव' की तैयारी तेज हो गई है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अलग-अलग राज्यों के कलाकार पटना आ चुके हैं। फिलहाल ये कलाकार अपने कार्यक्रम के लिए भारतीय नृत्य कला मंदिर में रिहर्सल करने में जुटे हैं।

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आयोजन को लेकर रविवार को कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार के सरकारी आवास पर एक बैठक हुई थी। इस दौरान मंत्री ने तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूर्वी क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र, कोलकाता के कार्यक्रम पदाधिकारी के तापस सामंत के साथ विस्तार से चर्चा की। इस दौरान मंत्री ने कई सुझाव भी दिये।

स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्रा किए जाएंगे आमंत्रित

राजधानी के बच्चे अपने देश की सांस्कृतिक विविधता से अवगत हो सकें, इसके लिए स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं को कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा। इस बाबत कला संस्कृति मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

नाटक के जरिए दिया सामाजिक एकता का संदेश

इधर, वाल्मी में सर्वमंगला सास्कृतिक मंच के साप्ताहिक नाटक श्रृंखला के तहत महेश चौधरी लिखित व डॉ. अनिल कुमार द्वारा निर्देशित नाटक 'धर्म की कोई दीवार नहीं' की प्रस्तुति की गई। इसमें कलाकारों ने मनेर में एक हिदू महिला के शव का अंतिम संस्कार की कथा के साथ लोगों को यह संदेश दिया कि भारत में एक संविधान के मानने वाले कई धर्म के लोग निवास करते हैं, लेकिन सभी संस्कृति एक है। भारतीय समाज की भाईचारगी पूरी दुनिया के लिए मिसाल पेश करती है। यहा की माटी और भाईचारगी ही देश को एक सूत्र में बाधने का काम करती है, जो समय-समय पर देश के कई हिस्सों में मनेर जैसी मिसाल देखने को मिलती है। ऐसे लोगों को सरकार हमेशा प्रोत्साहित करने का भी काम करती है। कलाकारों ने देश की एकता को अपनी कला द्वारा जिस ढंग से प्रस्तुत किया, वह काबिले तारीफ रही। नाटक का निर्देशन कर रहे एम्स इमरजेंसी के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि भाईचारगी ही भारत की पहचान है। इसे मजबूत रखना हम सभी का कर्तव्य है। ताकि पूरी दुनिया में देश की खूबसूरती बरकरार रहे। इस मौके पर मोनिका, सौरभ, अमन, आर्यन, यश, आयष, करण, प्रमोद, छविकात, वंशिका, रौनक, वैभव कृष्ण आदि कलाकार मौजूद रहे।


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