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Crime in Patna: चोरों को कार से अधिक भा रही बाइक, हर महीने गायब हो रहे 350 वाहन

वाहन को कहीं पार्क करें तो रहें सावधान शहरी क्षेत्र में सबसे अधिक वाहन चोरी आंकड़ों में 70 फीसद बाइक 2019 में 3703 वाहन चोरी बरामदगी 30 फीसद भी नहीं कर सकी जानिए कब और किन इलाकों में ज्‍यादा हो रहीं ऐसी घटनाएं

By Shubh NpathakEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 09:16 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 09:16 AM (IST)
Crime in Patna: चोरों को कार से अधिक भा रही बाइक, हर महीने गायब हो रहे 350 वाहन
आपकी गाड़ी को भी लग सकती है चोरों की नजर। जागरण

पटना, जेएनएन। राजधानी में सक्रिय वाहन चोरों को अब कार से अधिक बाइक पसंद भा रही है। इसके पीछे वजह यह कि बाइक चुराना और लेकर भागना दोनों आसान है। बाइक चोरी के बाद चोर गलियों के रास्‍ते शहर से बाहर निकल जाते हैं और पुलिस मुख्‍य सड़कों पर ढूंढती रह जाती है। पटना में हर महीने 350 सौ से अधिक गाडिय़ां चोरी हो रही है। इसमें 70 फीसद बाइक हैं, जबकि पहले की अपेक्षा कार की संख्या कम होते जा रही है। हैरानी की बात यह है कि वाहन चोरी के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं और पुलिस बाइक चोरी के मामलों को हल्के में ले रही है।

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इस साल अक्‍टूबर तक तीन हजार वाहन हुए चोरी

2019 में गायब हुए थे 3703 वाहन एनसीआरबी के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल 2019 में बिहार से 22 हजार 36 गाडिय़ां चोरी हुई। जबकि पटना से 3703 वाहन गायब हुए। जबकि इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच तीन हजार से अधिक वाहनों की चोरी हो चुकी है। इसमें सर्वाधिक वाहनों की चोरी शहरी क्षेत्र से हुई है। वह व्यस्त मार्ग या घर के बाहर से। कई मामलों में पीडि़त पुलिस को बाइक चोरी करते हुए संदिग्ध का फुटेज तक दे चुके हैं, लेकिन पुलिस गिरोह तक नहीं पहुंच पा रही है।

पांच से 10 हजार में बेच देते हैं बाइक

पुलिस के एक अधिकारी की मानें तो अब जो कार आ रही है, उसका लॉक तोडऩा या खोलना आसान नहीं है। पिछले साल नवंबर से दिसंबर के बीच शहर में ताबड़तोड़ चालक को पिस्टल सटाकर एक दर्जन से अधिक वाहन लूट लिए गए थे। पुलिस गिरोह की तलाश में लगातार एक सप्ताह तक छापेमारी की और पूर्णिया, सीतामढ़ी सहित दो अन्य जिलों से लूटी कई कार को बरामद किया गया। साथ ही सरगना सहित चार अपरधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

नये मॉडल की कारों को चुराना मुश्किल काम

पूछताछ में अपराधियों ने पुलिस को बताया कि नए मॉडल में आ रही कार को चोरी करना मुश्किल था, इसलिए वह लूट की वारदात को अंजाम दे रहे थे। इसके बाद से चार पहिया वाहन चोरी के आंकड़े भी पहले से कम हुए है, लेकिन बाइक चोरी का ग्राफ दो गुना बढ़ गया है। सूत्रों मानें नई हो या पुरानी, चोरों के हाथ जो भी बाइक लग रही है, उसे चुराकर दूसरे जिलों में पांच से 10 हजार में बेच दे रहे है। इसमें फर्जी कागजात तैयार करने वाले गिरोह के सदस्य भी शामिल है। पुलिस की मानें तो अधिकांश गाडिय़ों को पार्ट पार्ट करके गिरोह बेच दे रहा है।

इन थाना क्षेत्रों में हो रही सबसे अधिक वाहन चोरी

शहर के कंकड़बाग, शास्त्रीनगर, गांधी मैदान, कोतवाली, कदमकुआं, पीरबहोर, गर्दनीबाग, रूपसपुर, अगमकुआं, बाईपास सहित रामकृष्णानगर, जक्कनपुर में सबसे अधिक वाहन चोरी की शिकायतें आ रही है। लेकिन, पुलिस शहर में सक्रिय गिरोह के ठिकाने तक नहीं पहुंच पा रही है।


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