Crime in Gopalganj: जमानत पर छोड़े गए नाबालिग को लगाई हथकड़ी, थानाध्यक्ष से मांगा गया स्पष्टीकरण
जिला पुलिस किशोर अधिनियम का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रही है। किशोर अधिनियम का उल्लंघन करते हुए पुलिस कभी आपराधिक मामले में किशारों को गिरफ्तार कर हाजत में बंद कर दे रही है तो कभी हथकड़ी लगाकर उन्हें किशोर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर रही है।
गोपालगंज, जेएनएन। जिला पुलिस किशोर अधिनियम का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रही है। किशोर अधिनियम का उल्लंघन करते हुए पुलिस कभी आपराधिक मामले में किशारों को गिरफ्तार कर हाजत में बंद कर दे रही है तो कभी हथकड़ी लगाकर उन्हें किशोर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर रही है। पुलिस के बार-बार किशोर अधिनियम का उल्लंघन करने के बाद भी जिले के वरीय पुलिस पदाधिकारी भी इसके प्रति उदासीन बने हुए हैं। किशोर न्यायालय के किशोर अधिनियम का उल्लंघन करने के मामले में थानाध्यक्षों को शो-कॉज करने पर भी वरीय पदाधिकारी संबंधित थानाध्यक्षों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे जिले में पुलिस द्वारा किशोर अधिनियम का उल्लंघन करने का मामला बढ़ता जा रहा है।
मामला कुचायकोट थाने से जुड़ा है
ताजा मामला कुचायकोट थाना पुलिस का है। किशोन न्यायालय ने प्रिंसपल दंडाधिकारी राकेश मणि तिवारी ने एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार किए गए एक किशोर को अंतरिम अभिरक्षा में देखभाल के लिए उसके माता-पिता को सौंपा। इसके कुछ दिन बाद ही कुचायकोट थाना पुलिस ने उसी अपराधिक मामले मेंं किशोर को गिरफ्तार कर लिया। किशोर के माता पिता बार-बार पुलिस से किशोर को अंतरिम अभिरक्षा में छोड़े जाने की बात कहते रहे। लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। पुलिस ने किशोर को गिरफ्तार कर उसे उत्पाद कोर्ट में पेश किया। उत्पाद कोर्ट ने अंतरिम अभिरक्षा मिलने को देखते हुए किशोर को किशो न्यायालय के समक्ष प्रस्तुति करने का आदेश दिया। इसके बाद किशोर को हथकड़ी लगाकर सैफ के जवान उसे किशोर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।
हथकड़ी लगाकर नाबालिग को कोर्ट लेकर गई थी पुलिस
एक ही अपराधिक मामले मेंं अंतरिम अभिरक्षा में किशोर को छोड़ने के बाद भी उसे फिर से गिरफ्तार करने तथा हथकड़ी लगाकर उसे कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने को गंभीरता से लेते हुए किशोर न्यायालय के प्रिंसपल दंडाधिकारी ने कुचायकोट थाना के थानाध्यक्ष को शो कॉज करते हुए उन्हें न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब देने का आदेश दिया।
शराब के मामले में हुई थी किशोर की गिरफ्तारी
बताया जाता है कि उत्पाद अधिनियम के एक मामले मेंं कुचायकोट थाना पुलिस ने एक किशोर को गिरफ्तार किया था। इस किशोर को किशोर न्यायालय में समक्ष प्रस्तुत किया। आरोपित के नाबालिग होने को देखते हुए किशोर न्यायालय के प्रिंसपल दंडाधिकारी ने किशोर को अंतरिम अभिरक्षा में देखभाल करने के लिए उसके माता पिता को सौंप दिया। लेकिन कुछ दिन बाद ही पुलिस ने किशोर न्यायालय द्वारा अंतरित अभिरक्षा में छोड़े जाने की जानकारी देने के बाद भी इस आपराधिक मामले में इस किशोर को गिरफ्तार कर उत्पाद कोर्ट के समक्ष उसे प्रस्तुत किया। उत्पाद कोर्ट ने अंतरिम अभिरक्षा में छोड़े जाने को देखते हुए किशोर को किशोर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश पुलिस को दिया।
किस परिस्थिति में लगाई हथकड़ी, बताएंगे थानेदार
इस आदेश के बाद सैफ के जवान किशोर को हथकड़ी लगाकर किशोर न्यायालय ले गए। जबकि किशोर अधिनियम के तहत किसी भी किशोर को किसी भी परिस्थिति में हथकड़ी नहीं लगाना है। अंतरिम अभिरक्षा में छोड़े गए किशोर को उसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार करने तथा उसे हथकड़ी लगाकर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने को गंभीरता से लेते हुए किशोर न्यायालय के प्रिंसपल दंडाधिकारी राकेश मणि त्रिपाठी ने कुचायकोट थाना के थानाध्यक्ष को शो कॉज करते हुए न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है।