बिहार विधान परिषद चुनाव में पहली बार हिस्सा लेगी भाकपा माले, चिराग पासवान ने भी तोड़ी चुप्पी
भाकपा माले ने पहली बार इस चुनाव में भागीदारी की घोषणा की है। उधर खामोश चल रही लोजपा (रामविलास) ने चुनिन्दा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक-पार्टी की कार्यकारिणी और संसदीय बोर्ड की बैठक में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
राज्य ब्यूरो, पटना: विधान परिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव में दावेदार दलों की संख्या बढ़ रही है। भाकपा माले ने पहली बार इस चुनाव में भागीदारी की घोषणा की है। उधर, खामोश चल रही लोजपा (रामविलास) ने चुनिन्दा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के मुताबिक-पार्टी की कार्यकारिणी और संसदीय बोर्ड की बैठक में कुछ सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया गया है। इसकी जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को दी गई है। केंद्रीय नेतृत्व से इजाजत मिलने के बाद जल्द ही उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी।
स्थानीय निकाय से होने वाले विधान परिषद के 2015 के चुनाव में लोजपा चार सीटों (सहरसा, आरा, वैशाली और नालंदा) पर चुनाव लड़ी थी। उस समय वह एनडीए में थी। सहरसा से लोजपा टिकट पर जीती नूतन सिंह अब वहां से भाजपा की उम्मीदवार होंगी। खबर है कि एनडीए लोजपा के पारस गुट को विधान परिषद की एक सीट देने जा रहा है। इस मुद्दे पर चिराग पासवान से एनडीए की कोई बातचीत नहीं हो रही है। इधर, भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने बुधवार को कहा कि पार्टी ने मजबूत आधार वाले पांच क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।
ये क्षेत्र हैं:- भोजपुर, सिवान, पटना, दरभंगा और गया। इसके अलावा पार्टी विधायकों के वोट से भरी जाने वाली विधान परिषद की एक सीट पर भी अपना दावा पेश करेगी। पार्टी पहली बार राज्यसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार देना चाहती है। कुणाल ने कहा-अब तक हमारे विधायक राज्यसभा चुनाव में वोटर की भूमिका में रहे हैं। पहली बार उम्मीदवार की हैसियत से पार्टी इस चुनाव में हिस्सा लेना चाहती है। हालांकि, कोई भी निर्णय महागठबंधन के दलों की सहमति और भाजपा को हराने के प्राथमिक लक्ष्य को केंद्र में रह कर किया जाएगा।