तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर भाकपा-माले भी कल करेगी चक्का जाम, इनका भी मिलेगा साथ
भाकपा-माले ने कल यानी पांच दिसंबर को किसान विरोधी कृषि बिलों की वापसी की मांग पर पूरे बिहार में चक्का जाम आंदोलन का निर्णय लिया है। यह चक्का जाम आंदोलन भाकपा-माले अखिल भारतीय किसान महासभा व अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के संयुक्त बैनर से आयोजित होगा।
राज्य ब्यूरो, पटना। किसान विरोधी कृषि बिलों की वापसी की मांग पर तीन दिसंबर को सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता के असफल हो जाने के उपरांत भाकपा-माले ने कल यानी पांच दिसंबर को पूरे बिहार में चक्का जाम आंदोलन का निर्णय लिया है। यह चक्का जाम आंदोलन भाकपा-माले, अखिल भारतीय किसान महासभा व अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के संयुक्त बैनर से आयोजित होगा।
भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी की बैठक में किसान विरोधी कृषि बिलों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन पर हुई चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया। बैठक में पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य सहित देश के विभिन्न इलाकों से पार्टी के नेता भाग ले रहे हैं। बैठक के हवाले से पार्टी के बिहार राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि तीनों किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने, प्रस्तावित बिजली बिल 2020 को वापस लेने की केंद्रीय मांगों के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिहार में धान खरीद की अविलंब गारंटी करने, 400 प्रति क्विंटल गन्ना खरीद की गारंटी आदि मांगें भी हमारे आंदोलन में प्रमुखता से शामिल होंगी। बिहार की सरकार लगातार किसानों के धान खरीद से पीछे भाग रही है।
चक्का जाम आंदोलन में मजबूती से उतरेगा
अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह ने बताया कि सरकार व किसान प्रतिनिधियों से चलने वाली वार्ता के लिए बनी कमिटी में हमारे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रूल्दू सिंह भी शामिल हैं और हमारा संगठन मजबूती से इस आंदोलन में उतरा हुआ है। गांव गांव में तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जा रही हैं। महासचिव धीरेन्द्र झा ने कहा कि हमारा संगठन भी कल पूरे बिहार में आयोजित चक्का जाम आंदोलन में मजबूती से उतरेगा। भाकपा-माले की केंद्रीय कमेटी ने कहा है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुई और सरकार तीनों कानूनों को रद्द नहीं करती, तब अनिश्चितकालीनठ सत्याग्रह व चक्का जाम होगा।