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किसान आंदोलन को देशव्‍यापी बनाने की तैयारी, 6 दिसंबर से माले का देश बचाओ आंदोलन

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली अप्रत्‍याशित जीत से उत्‍साहित है भाकपा माले इसलिए इस बार पटना में हो रही केंद्रीय कमेटी की बैठक 6 दिसंबर से 11 दिसंबर तक संविधान बचाओ-देश बचाओ अभियान शुरू करने की तैयारी में जुटे नेता

By Shubh NpathakEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 04:36 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 04:36 PM (IST)
किसान आंदोलन को देशव्‍यापी बनाने की तैयारी, 6 दिसंबर से माले का देश बचाओ आंदोलन
पटना में हो रही है सीपीआइ एमएल की बैठक। जागरण

पटना, राज्य ब्यूरो। भाकपा माले (CPI ML) की केंद्रीय कमिटी (central committee) की दो दिवसीय बैठक गुरुवार से पटना में आरंभ हो गई है। यह बैठक शुक्रवार तक चलेगी। बैठक में बिहार के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, दिल्ली, उत्तराखंड, कर्नाटक आदि प्रदेशों के माले के शीर्षस्थ नेता भाग ले रहे हैं। बैठक में मुख्य रूप से पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, चर्चित महिला नेत्री कविता कृष्णन, पश्चिम बंगाल से कार्तिक पाल, पार्थो घोष, अभिजीत मजूमदार; असम से विवेक दास व बलीन्द्र साकिया; त्रिपुरा से मृण्मय चक्रवर्ती; कर्नाटक व दक्षिण के अन्य राज्यों से क्लिफंटन डी रोजारियो, वी शंकर, एस बालासुब्रम्नयम, बांगर राव, एन के नटराजन, एन मूर्ति; किसान नेता पुरूषोत्तम शर्मा, उत्तरपद्रेश से रामजी राय, कृष्णा अधिकारी, सुधाकर यादव; झारखंड के बगोदर के विधायक विनोद सिंह, गीता मंडल; दिल्ली से रवि राय, सुचेता डे; पंजाब से सुखदर्शन नट, कंवलजीत सिंह, गुरमीत सिंह; उत्तराखंड से राजा बहुगुणा आदि नेता प्रमुख रूप से शामिल हैं।  

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पहले सत्र में बिहार विधानसभा चुनाव पर हुई चर्चा

बैठक के पहले सत्र में बिहार विधानसभा चुनाव की समीक्षा की गई। बैठक में यह बात भी उभरकर सामने आई कि चुनाव में पुराना पैटर्न टूटा है और माले को समाज के विभिन्न तबकों का वोट मिला है। परंपरागत वोट के साथ-साथ हमें नौजवानों के बड़े हिस्से, स्कीम वर्करों, शिक्षकों, किसानों, माइक्रोफायनांस कंपनियों के कर्ज से तबाह महिलाओं आदि तबकों के वोट मिले हैं। अब इन तबकों के भीतर व्यापक पैमाने पर संगठन निर्माण किया जाएगा व सदस्यता अभियान चलाने की कार्ययोजना ली जाएगी।

बिहार में चुनावी जीत से उत्‍साहित हैं वामपंथी

बिहार विधानसभा चुनाव के अनुभवों के आधार पर पश्चिम बंगाल, असम व अन्य प्रदेशों में होने वाले चुनावों में नई ऊर्जा के साथ भागीदारी पर भी बात हुई। यह बात सामने आई कि बिहार में वामपंथ की जीत ने इन प्रदेशों में भी वामपंथ की प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी की है।

किसान आंदोलन को देशव्‍यापी बनाने पर चर्चा

बैठक में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के चल रहे आंदोलन को देशव्यापी बनाने पर बातचीत हुई. खासकर बिहार के दूर-दराज के गांवों तक इस आंदोलन के विस्तार की संभावनाओं पर चर्चा हुई. किसानों के प्रति मोदी सरकार के दमनात्मक रूख की कड़ी आलोचना की गई, अब तक शहीद तीन किसानों को श्रद्धांजलि दी गई और यह मांग की गई कि मोदी सरकार वार्ता का दिखावा न करे, बल्कि वह किसानों की आवाज सुने और तीनों किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस ले। बैठक में बाबरी मस्जिद की शहादत 6 दिसंबर से लेकर 11 दिसंबर तक संविधान बचाओ-देश बचाओ अभियान चलाया जाएगा।


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