CoronaVirus: बिहार में 523 संदिग्ध, तीन पॉजिटिव केस; आपदा प्रबंधन को मिली बड़ी जिम्मेदारी
CoronaVirus बिहार में कोरोना संक्रमण के तीन कंफर्म मामले मिले हैं जिनमें एक की मौत हो चुकी है। इस बीच सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को इलाज से इतर अन्य कार्यों से अलग कर दिया है।
पटना, स्टेट ब्यूरो। CoronaVirus: बिहार में कोेरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए सरकार ने कई एहतियाती कदम उठाए हैं। राज्य में बाहर से आए 537 लोगों को कोरोना संक्रमण की आशंका में आइसोलेशन (Isolation) में रखा गया है। इनमें से 185 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिनमें । जिनमें तीन रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। इस बीच सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को कोरोना वायरस से जुड़े मामलों की मॉनीटिरंग व ट्रैकिंग (Monitoring and Tracking) का दायित्व सौंपा है।
अब स्वास्थ्य विभाग (Department of Health) को केवल इलाज के काम से जोड़ा जा रहा है। शेष कार्य आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster management Department) अपनी मशीनरी के माध्यम से कराएगा।
बिहार में जगह-जगह मिले संदिग्ध, जांच को भेजे गए सैंपल
राज्य स्वास्थ्य समिति (State Health Committee) ने सोमवार को अपने स्वास्थ्य बुलेटिन (Health Bulletin) में बताया की भागलपुर में 19 लोगों को संदिग्ध मानते हुए आइसोलेशन में भेजा गया था। सभी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसी तरह मुजफ्फरपुर में 24 संदिग्धों को आइसोलेशन में भेजा गया, जिनमें 18 की रिपोर्ट मिल गई है। सभी रिपोर्ट नेगेटिव हैं। बगहा में एक तथा दरभंगा में तीन संदिग्धों में से दो की रिपोर्ट मिली है। सीतामढ़ी में दो संदिग्धों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
इसी तरह पूर्वी चंपारण में 34 सैंपल निगेटिव मिली है। मधुबनी में 40 लोगों को संदेह के आधार पर अस्पताल लाया गया, जिन्हें जांच के बाद वापस घर भेज दिया गया।
शिवहर के सर्वाधिक 112 लोगों को कोरोना संदिग्ध मानकर अस्पताल लाया गया था। इनमें से 36 के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बेतिया में भी संदेह के आधार पर 18 लोगों को स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया, जिन्हें बाद में मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। उनमें से तीन के सैंपल जांच को भेजे गए, जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
अभी तक डीएमसीएच में शुरू नहीं हो सकी जांच
राज्य में कोरोना की जांच केवल पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट (RMRI) में हो रही है। यहां कोरोना संदिग्धों के बढ़ते मामलों को देखते हुए दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (DMCH) में भी इसकी जांच शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। सरकार ने इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को डीएमसीएच के अलावा चार अन्य मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कोरोना की जांच शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। करीब चार दिन पूर्व आइसीएमआर के महानिदेशक ने डीएमसीएच में कोरोना की जांच 24 घंटे में शुरू करने का सरकार को आश्वासन दिया था। पर, अस्पताल में कोरोना की जांच शुरू नहीं हो पाई है।
आपदा प्रबंधन विभाग को मॉनीटिरंग व ट्रैकिंग का दायित्व
कोरोना वायरस से जुड़े मामलों की मॉनीटिरंग व ट्रैकिंग का दायित्व सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को सौंपा है। इसके पीछे यह उद्देश्य है कि स्वास्थ्य विभाग को इलाज के काम से पूरी तरह जोड़ दिया जाए। शेष कार्य आपदा प्रबंधन विभाग अपनी मशीनरी के माध्यम से कराए। आपदा प्रबंधन विभाग हर रोज अपनी मॉनीटरिंग रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपेगा। संक्रमण से जुड़ी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी दी जाएगी।
आपदा प्रबंधन विभाग को सरकार ने यह जबावदेही सौंपी है कि वह जिलावार हर रोज यह आंकड़ा अपडेट करे कि कितनी संख्या में लोग बाहर से आ रहे और उनके जांच व इलाज आदि की क्या व्यवस्था हो रही है। ग्रामीण इलाकों में स्कूलों, पंचायत भवनों व अन्य सरकारी भवनों में बिहार के बाहर से पहुंच रहे लोगों के आइसोलेशन सेंटर की जो व्यवस्था तैयार हो रही है, उसकी मॉनीटरिंग भी आपदा प्रबंधन विभाग को ही करना है। मॉनीटरिंग के क्रम में यह भी देखना है कि अस्पतालों पर किस तरह से लोग आ रहे हैं। अगर वहां अतिरिक्त संख्या में लोगों की तैनाती की जरूरत पड़ती है तो आपदा प्रबंधन विभाग ही स्वास्थ्य विभाग को अपडेट करेगा।
कोरोना वायरस से बिहार में हुई एक युवक की मौत के बाद उनके परिजनों को चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से संबंधित परिवार को दी जानी है। यह प्रक्रिया भी आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से ही पूरी की जाएगी।