CoronaVirus Update Bihar: पटना IGIMS में रैपिड टेस्टिंग किट से जांच शुरू, तुरंत मिलेगा रिजल्ट
CoronaVirus बिहार के लिए बड़ी खुशखबरी है। पटना के आइजीआइएमएस में आज से रैपिड टेस्टिंग किट से जांच होगी। इस जांच की रिपोर्ट बस एक घंटे में मिल जाएगी।
पटना, जेएनएन। आज से पटना के IGIMS में रैपिड टेस्टिंग किट से जांच शुरू हो जाएगी। अभी बिहार के कोरोना जांच केंद्रों में आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जा रहा है, जिसमें खखार का सैंपल लिया जाता है। इस जांच में पाँच घंटे का वक़्त लगता है और इसके टेस्ट में 1500 रुपये लगते हैं, जबकि रैपिड टेस्ट किट्स से होनेवाली जांच में बस अंगुलि में सूई चुभोकर खून का सैंपल लिया जाता है जिससे 30 मिनट में नतीजे मिल जाते हैं। इस टेस्ट में करीब 500 रुपये ही लगते हैं।
रैपिड टेस्ट किट या आरटीके के ज़रिए ब्लड टेस्ट कर एंटिबॉडिज का पता लगाया जाता है। इसी से पता चलता है कि वो व्यक्ति संक्रमित है या नहीं। इससे तेज़ी से जाँच होती है। दुनिया भर के देशों में ऐसे ही टेस्ट किए जा रहे हैं।
पटना IGIMS में आइसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा
वहीं इस अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड भी बनाने की बात कही गई है जो संस्थान के एनेक्सी ब्लॉक के द्वितीय तल पर बनाया जाएगा। यहां कोरोना के आशंकित मरीजों को रखा जाएगा। अगर जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है तो मरीज को संबंधित वार्ड में भेज दिया जाएगा। लेकिन अगर मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तब उसे इलाज के लिए कोरोना के लिए घोषित अस्पताल एनएमसीएच भेजा जाएगा।
आइजीआइएमएस के अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल के अनुसार यहां पर कई अत्यंत गंभीर मरीज आ रहे हैं। उनका इलाज करने में समस्या होती थी। खासकर सांस लेने में दिक्कत होने या बुखार होने पर मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। ऐसे मरीजों के लिए अस्पताल प्रबंधन कोशिश करेगा की पहले भर्ती कर जांच कराई जाए। अगर जांच में कोरोना निगेटिव रहता है तो वार्ड में भेजकर इलाज किया जाएगा।
अस्पताल में भर्ती पटना के मरीजों की होगी कोरोना जांच
अब आइजीआइएमएस में पटना के कोरोना आशंकित मरीजों की जांच की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से अनुमति भी मिल गई है। अब तक पटना जिले के मरीजों की जांच के लिए यहां पर जांच की सुविधा नहीं थी।
गर्भवती को नहीं मिली एंबुलेंस तो सरकार देगी पांच सौ रुपये
कोरोना आपदा की वजह से इन दिनों गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल आने-जाने के लिए 102 एंबुलेंस की सेवा प्राप्त करने में दिक्कत आ रही है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है कि यदि महिला को प्रसव के लिए निजी एंबुलेंस या वाहन से अस्पताल आना पड़ता है तो महिला को निजी वाहन या एंबुलेंस पर किए गए खर्च के एवज में पांच सौ रुपये दिए जाएंगे।
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिलाधिकारियों एवं सिविल सर्जनों को सरकार के इस फैसले से अवगत करा दिया है। उनके द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि सभी एंबुलेंस को कोरोना कार्यों में लगाया जा रहा है। इसलिए यदि 102 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं होती है और गर्भवती महिला भाड़े पर वाहन लेकर प्रसव के लिए अस्पताल आती है तो उक्त महिला अथवा उसके परिजनों को 500 की राशि दी जाए। यह पैसा महिला के बैंक खाते में दिया जाएगा।