बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार बदली, जानें अब कितना है खतरा और आगे क्या होगा असर
Bihar Coronavirus Update Reproduction Rate बिहार और राजधानी में गत पांच दिन से नए संक्रमितों की संख्या के साथ आर वैल्यू (रिप्रोडक्शन रेट) में भी एक प्रतिशत की कमी आई है। सोमवार को आर वैल्यू 4.5 से घटकर 3.5 प्रतिशत हो गई है।
पटना, जागरण संवाददाता। Bihar Coronavirus Udpate News: बिहार और राजधानी में गत पांच दिन से नए संक्रमितों की संख्या के साथ आर वैल्यू (रिप्रोडक्शन रेट) में भी एक प्रतिशत की कमी आई है। सोमवार को आर वैल्यू 4.5 से घटकर 3.5 प्रतिशत हो गई है। छह जनवरी को यह 1.96 प्रतिशत थी। पांच दिन बाद यानी 12 जनवरी को यह बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो गया था। उस समय यह झारखंड के बाद देश में दूसरे स्थान पर था। मुंबई और दिल्ली उस समय क्रमश: चौथे और तीसरे नंबर थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, रिप्रोडक्शन रेट यानी आर वैल्यू एक से नीचे होने पर माना जाता है कि संक्रमण दर नियंत्रित है और लहर अपने अवसान पर है।
जनसंख्या घनत्व अधिक रहने का भी असर
एम्स पटना के कोरोना नोडल पदाधिकारी डा. संजीव कुमार ने बताया कि डब्ल्यूएचओ संक्रमण फैलाने की संभावना, बीमार के संपर्क में आने वालों की संख्या और लक्षण उभरने में लगने वाले समय के आधार पर आर वैल्यू का निर्धारण करता है। यह पूरी तरह एक गणितीय प्रक्रिया है। एक से अधिक आर वैल्यू को खतरे का निशान माना जाता है। एक आर वैल्यू का मतलब होता है कि सौ संक्रमित 100 अन्य लोगों को बीमार कर सकते हैं। प्रदेश व राजधानी का जनसंख्या घनत्व देश नहीं दुनिया में सबसे अधिक है। ऐसे में यहां की आर वैल्यू अन्य राज्यों से कुछ अधिक रह सकती है।
क्या है आर वैल्यू
आर वैल्यू, किसी वायरस के फैलने की गति को दर्शाती है। इससे पता चलता है कि एक संक्रमित कितने लोगों को बीमार कर रहा है या कर सकता है। 3.5 आर वैल्यू का मतलब है कि एक संक्रमित तीन से चार लोगों को बीमार कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार लगातार आर वैल्यू एक से कम रहने या होते जाने पर माना जाता है कि अब लहर खत्म हो रही है या हो गई है।