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Bihar Lockdown Update: बिहार में अब काेरोना का सियासी संकट- MLC के चुनाव पर ग्रहण

Bihar Lockdown Update कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉक डाउन में बिहार का विधान परिषण चुनाव भी फंसता नजर आ रहा है। कोरोना के इस सियासी संकट पर आइए डालते हैं नजर।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2020 06:02 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 11:20 PM (IST)
Bihar Lockdown Update: बिहार में अब काेरोना का सियासी संकट- MLC के चुनाव पर ग्रहण
Bihar Lockdown Update: बिहार में अब काेरोना का सियासी संकट- MLC के चुनाव पर ग्रहण

पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। Bihar Lockdown Update: कोरोना (CoronaVirus) संक्रमण का प्रभाव सियासत (Politics) पर भी पड़ा है। बिहार में शिक्षकों और स्नातकों के वोट से भरी जाने वाली विधान परिषद (Legislative Assembly) की आठ सीटों पर कोरोना संकट मंडराने लगा है। छह साल पहले हुए चुनाव के आधार पर ये सीटें छह मई को खाली हो जाएंगी। कोरोना संकट (Corona Crisis) को लेकर आगामी 14 अप्रैल तक के लॉकडाउन (Lockdown) के कारण माना जा रहा है कि ये चुनाव समय पर नहीं हो सकेंगे।

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समय पर चुनाव होने की संभावना नहीं

चुनाव आयोग (Election Commission) ने अबतक चुनाव स्थगित करने के बारे में कुछ नहीं कहा है, लेकिन 14 अप्रैल तक के लॉक डाउन के आधार पर उम्मीदवारों (Candidates) ने मान लिया है कि तय समय पर चुनाव नहीं होंगे। राज्य निर्वाचन विभाग के पास भी चुनाव होने-टालने के बारे में गुरुवार तक कोई सूचना नहीं थी। राज्य के उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी बैजूनाथ कुमार सिंह ने कहा कि मतदान की तारीख के बारे में चुनाव आयोग से अभी तक कोई निर्देश नहीं मिला है। हालांकि, राज्य निर्वाचन विभाग की तैयारी पूरी हो गई है। मतदाता सूची तय समय पर बन चुकी है।

अधिसूचना व मतदान के बीच अवधि को ले संशय

चुनाव के टलने की आशंका अधिसूचना और मतदान के बीच की अवधि को लेकर है। यह साफ है कि 14 अप्रैल तक चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हो सकती है। अगर 15 अप्रैल को अधिसूचना जारी भी हो गई तो अमूमन उसके 23-24 दिन बाद ही मतदान हो पाएगा। यानी उस हालत में भी मतदान सात मई के बाद ही होगा। चुनाव आयोग ने 21 दिन की लॉकडाउन की घोषणा से पहले जिस तरह राज्यसभा का मतदान स्थगित किया, उस पृष्ठभूमि में परिषद चुनाव के उम्मीदवारों को भी जल्दी मतदान की उम्मीद नहीं रह गई है। वह भी उस हालत में, जबकि इस चुनाव से केंद्र या राज्य सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।

अप्रैल अंत में थी परिषद चुनाव की संभावना

गत चुनाव के आधार पर छह मई 2014 से वर्तमान सदस्यों का कार्यकाल प्रभावी हुआ था। उस साल समय से पहले विधान परिषद का चुनाव इसलिए करा लिया गया, क्योंकि मई में लोकसभा का चुनाव होनेवाला था। इस साल यह बाध्यता नहीं है, इसलिए अप्रैल के तीसरे या अंतिम सप्ताह में मतदान की संभावना थी।

किन सीटों के लिए होना है चुनाव, जानिए

- पटना, दरभंगा एवं तिरहुत: शिक्षक एवं स्नातक

- सारण: शिक्षक

- कोसी: स्नातक


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