Coronavirus Effect: पटना हाईकोर्ट पर भी कोरोना इफेक्ट, असाधारण स्थिति में ही होगा कार्य... जानें
कोरोना इफेक्ट को लेकर पटना हाईकोर्ट में असाधारण स्थिति में होगा कार्य। लेकिन कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगी। जरूरी मामलों की फाइलिंग ई-मेल से भी हो सकती है।
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह, न्यायाधीश हेमंत कुमार श्रीवास्तव व एडवोकेट जेनरल ललित किशोर ने सम्मलित रूप से कहा कि असाधारण स्थिति में हाईकोर्ट का कार्य चलेगा, लेकिन कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगी। न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि बेहद जरूरी मामलों की फाइलिंग ई-मेल द्वारा भी हो सकती है।
ई-मेल द्वारा दायर मामले को परख कर देखा जाएगा कि सचमुच यह गंभीर मामला है। मुख्य न्यायाधीश दायर मामले को देख कर सुनवाई का आदेश पारित करेंगे। बेहद गंभीर मामलों के संबंधित पक्षों को सुनवाई से पहले कोर्ट द्वारा आगाह कर दिया जाएगा।
एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि 90 प्रतिशत लोग ई-मेल के द्वारा फाइलिंग करने का तरीका नहीं जानते हैं। वरीय अधिवक्ता ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट की समन्वय समिति 14 अप्रैल को बैठक करके निर्णय लेगी कि ई-फाइलिंग के माध्यम से केस दर्ज करने के लिए कितने लोग तैयार होंगे। साथ ही यह भी विचार किया जाएगा कि लंबे समय से हाईकोर्ट के बंद रहने से प्रभावित वकीलों के लिए किस प्रकार से फंड एकत्रित किया जाए, ताकि पीड़ित वकीलों के बीच वितरित किया जा सके।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह ने 20 जिलों के सेवा प्राधिकार के सचिवों को लॉकडाउन की अवधी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा है। गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यह निर्देश दिया गया। प्राधिकार के सचिवों से यह भी कहा गया कि समाचार पत्रों एवं अन्य मीडिया से पता चल रहा है कि सब्जी मंडियों सहित सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। विधिक प्राधिकार से यह भी कहा गया कि वह यह भी देखें कि लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं हो रहा है। बिहार विधिक सेवा प्राधिकार के संयुक्त सचिव रवि रंजन ने बताया कि अनेक जिलों के गांव में जरुरतमंदों तक आवश्यक सामाग्री का वितरण प्राधिकार और राज्य सरकार की ओर से कराया जा रहा है। वितरण में विकलांगों को प्राथमिकता दी जा रही है।
इ-मेल से दायर हुए जमानत मामले की हुई सुनवाई
उधर, धोखाधड़ी के एक मामले में दिल्ली के एक वकील ने ई-मेल से जमानत दायर की थी, जिस पर गुरुवार को चक्रधारी शरण सिंह अपने ही निवास स्थान पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की। महत्वपूर्ण बात यह रही कि उनके निवास स्थान पर पेशकार और स्टेनो उपस्थित नहीं थे। वे अपने निवास स्थान से ही कार्यरत थे। सुनवाई के बाद अभियुक्त को जमानत दे दी गई। मालूम हो कि सांकेतिक रूप से पटना हाईकोर्ट खुला रहता है, लेकिन वकील और जज अदालत नहीं आते हैं, लेकिन रजिस्ट्रार को हर दिन कोर्ट आना ही पड़ता है।