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CoronaVirus Bihar: कोरोना पर भारी पड़ी आस्था, उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ चैती छठ संपन्न देखें Video

कोरोना वायरस से पूरे देश में चल रहे लॉकडाउन के बीच बिहार में आस्था भारी पड़ी और आज सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चैती छठ संपन्न हुआ। छठ गाने का वीडियो देखें..

By Kajal KumariEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 09:24 AM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 03:33 PM (IST)
CoronaVirus Bihar: कोरोना पर भारी पड़ी आस्था, उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ चैती छठ संपन्न देखें Video
CoronaVirus Bihar: कोरोना पर भारी पड़ी आस्था, उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ चैती छठ संपन्न देखें Video

पटना, जेएनएन। Chaiti Chhath 2020: नहाय खाय के साथ ही आस्था का महापर्व चैती छठ आज सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। नहाय खाय से शुरू हु्आ चार दिवसीय अनुष्ठान इस पर्व की आस्था एेसी दिखी कि व्रतियों ने अपने घर में ही जल का संचय कर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया। वहीं कुछ व्रती लॉकडाउन की सख्ती के बावजूद तालाब, नदियों में अर्घ्य देते दिखे।

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छठ के तीसरे दिन सोमवार की शाम को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया। कोरोना वायरस से लॉकडाउन को लेकर पूरे देश में बंदी का माहौल है, वहीं बिहार में भी प्रशासन ने लोगों को घर में रहकर ही छठ पूजा करने की अपील की, जिसके बाद ज्यादातर लोगों ने अपने घर में ही भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया और कोरोना से पूरी दुनिया को बचाने की प्रार्थना की।

रविवार को हुई खरना की पूजा

छठपूजा के दूसरे दिन व्रतियों ने खरना की पूजा की थी जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया था। रविवार की शाम में व्रतियों ने चावल-गुड़ की खीर, रोटी या पूड़ी बनाकर फल-फूल से विधिवत पूजा कर भगवान भास्कर को भोग अर्पित किया और फिर खुद प्रसाद ग्रहण किया।

लॉकडाउन के बावजूद नवादा और गया जिले में लोगों ने छठ पूजा से संबंधित सामग्रियों की जमकर खरीदारी की। फल-फूल और अन्य सामग्रियों की दुकानों पर खासी भीड़ देखी गई। कई दुकानों को प्रशासन ने बंद करा दिया था, इसके बावजूद लोग छठ पूजा की सामग्री बेचने और खरीदने के लिए लोग घर से निकल पड़े थे।

बक्सर जिले में छठ के लिए नदी, पोखर और नहरों के किनारे पूजा अर्चना पर पूर्णतः रोक लगा दी गई थी लोगोििं ने घर में ही पूजा संपन्न की। कोरोना को लेकर चल रहे  लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंस लागू होने पर छठ व्रतियों को काफी परेशानी हुई।

शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ चैती छठ

 शनिवार को व्रतियों ने स्नान कर विधिवत नहाय-खाय की पूजा की और घर पर ही कद्दू भात का प्रसाद बनाया। पूजा के बाद अपने सगे-संबंधियों के साथ व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया। नहाय-खाय के बाद खरना की पूजा की गई और फिर व्रतियों ने सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया और मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चैती छठ पूजा संपन्न हो गई।

साल में दो बार होती छठ महापर्व की पूजा

बता दें कि छठ पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। एक अभी चैत्र माह में दूसरा कार्तिक माह में। बिहार में इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम और पूरी निष्ठा के साथ मनाया जाता है। चार दिनों के इस अनुष्ठान में सफाई और पवित्रता का खास ख्याल रखा जाता है।

छठ के इन गानों ने मचाई है धूम, लिंक क्लिक कर देखें वीडियो....ठीक है..

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 इस पर्व का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है। इस पर्व में व्रती लगातार 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं, जो अपने आप में बड़ी बात है। यह त्योहार पूर्वी भारत के बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। अब तो छठ पर्व देश के साथ ही विदेशों में भी मनाया जाने लगा है।

छठ पर्व का पौराणिक महत्व

छठ पर्व में सूर्य देव की पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता ह, जो मूर्त रूप से इस धरा पर विद्यमान हैं और उनसे पूरी दुनिया को ऊर्जा प्राप्त होती है और इसके साथ ही नदी या तालाबों में जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देने का प्रावधान है, जो अपने आप में अनूठा है

पौराणिक मान्यता के अनुसार छठी मैया या षष्ठी माता संतानों की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं। शास्त्रों में षष्ठी देवी को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री भी कहा गया है। पुराणों में इन्हें मां कात्यायनी भी कहा गया है, जिनकी पूजा नवरात्रि में षष्ठी तिथि पर होती है। षष्ठी देवी को ही बिहार-झारखंड की स्थानीय भाषा में छठ मैया कहा गया है।

लॉकडाउन का दिख रहा असर

छठ पर्व पर लोग एक साथ मिलकर नदियों या तालाबों के पास एकत्र होते हैं, घर में भी लोग काफी संख्या में व्रती के यहां प्रसाद ग्रहण और पूजा में शामिल होने पहुंचते हैं। लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से लोगों से घर में रहने की अपील की गई है। इसलिए इस बार ज्यादातर व्रतियों ने नदियों में, या तालाबों में अर्घ्य नहीं दिया। छठ पूजा को इस बार धूमधाम से नहीं शांतिपूर्वक मनाने की अपील की गई, ताकि लोग पूजा अपने घरों में रहकर करें। क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए ये सही होगा।


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