CoronaVirus: विदेश से लौटे लोगों की लापरवाही दूसरों के लिए पड़ सकती है भारी
विदेश से लौट रहे लोग आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। अस्पतालों में भी कोरोना वायरस को लेकर लापरवाही बरती जा रही है।
पटना, जेएनएन। विदेश से आए लोगों का घर में रहकर नजदीकी डॉक्टर या निजी नर्सिग होम में इलाज कराने का आकर्षण पूरे प्रदेश को भारी पड़ सकता है। इस पर हद यह कि नर्सिग होम भी बिना हिस्ट्री जाने या जांच किए पहले उन्हें आम रोगियों के साथ भर्ती कर लेते हैं और बाद में कोरोना की आशंका पर मेडिकल कॉलेज रेफर करते हैं।
पांच दिन पहले पटना के एक बड़े प्राइवेट हॉस्टिपल ने भी दुबई से लौटे गोपालगंज के एक युवक को एक दिन बाद एम्स रेफर किया था। दूसरा मामला मंगलवार को नौबतपुर प्रखंड में सामने आया। तीन दिन पूर्व जर्मनी से लौटी नौबतपुर बाजार निवासी महिला घर में सूखी खांसी का इलाज करा रही थी। सांस लेने में दिक्कत होने पर कोरोना की आशंका पर आसपास के लोगों ने अस्पताल ले जाने का दबाव बनाया। निजी नर्सिग होम ने उसे भर्ती कर लिया पर स्थानीय लोगों के कोरोना की आशंका संबंधी सूचना देने पर सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने पीएचसी प्रभारी को जांच के आदेश दिए।
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि महिला को पीएमसीएच में भर्ती कराने के लिए पीएचसी प्रभारी को निर्देशित किया गया था। बुधवार सुबह उन्होंने महिला को एनएमसीएच में भर्ती करा जांच के लिए नमूना आरएमआरआइ भिजवा दिया है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर अस्पताल के सभी कर्मचारियों, मरीजों व उनके स्वजनों को निगरानी पर रखा जाएगा। साथ ही महिला के घर और आसपास के लोगों की भी मॉनीटरिंग की जाएगी।
भीड़ न लगाएं, समय देकर बुलाएं
कोरोना वायरस की रोकथाम में योगदान देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कई निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सदस्य डॉक्टरों ने अपने अस्पताल या क्लिनिक में रोगियों की भीड़ नहीं जमा करने की अपील की है। इसके लिए चिकित्सक मरीजों को दिल्ली व मुंबई की तरह अलग-अलग समय देकर बुलाएं। एक मीटर की दूरी बरकरार रखते हुए जितने मरीज एकसाथ बैठ जाएं, उतने ही लोगों को बुलाएं। आइएमए ने चिकित्सकों से अपील की है कि वे विदेश यात्र से आए लोगों में कोविड-19 के लक्षण दिखने पर स्वास्थ्य विभाग, सिविल सर्जन या मेडिकल कॉलेज को सूचना दें। जरूरत पड़ने पर वेंटीलेटर आदि की सुविधा प्रदान करने का भी आग्रह किया।