कुख्यात अयूब खान की सिवान सदर अस्पताल में कराई गई कोरोना जांच, शाम में होगी कोर्ट में पेशी
जिला पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में शनिवार देर शाम गैंगटॉक से लौटने के क्रम में पूर्णिया से गिरफ्तार अयूब खान (Notorious Ayub Khan) की कोर्ट में पेशी के लिए सोमवार को अस्पताल में कोरोना जांच कराई गई।
सिवान, जागरण संवाददाता। जिला पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में शनिवार देर शाम गैंगटॉक से लौटने के क्रम में पूर्णिया से गिरफ्तार अयूब खान (Notorious Ayub Khan) की कोर्ट में पेशी के लिए सोमवार को अस्पताल में कोरोना जांच कराई गई। शाम चार बजे रिपोर्ट आने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। उसपर सिवान के तीन युवकों को अगवा कर ठिकाना लगाने का आरोप है। रविवार देर रात पुलिस टीम उसे लेकर सिवान पहुंची। जीरादेई थाने में पूछताछ की गई। एसपी शैलेश कुमार सिन्हा स्वयं पहुंचे। घंटों पूछताछ की। सूत्रों ने बताया है कि उसने अपना अपराध कबूल भी कर लिया है। बता दें कि नए साल का जश्न मनाकर अयूब खान गैंगटोक से सपरिवार लौट रहा था। इसकी भनक मिलने पर पुलिस ने उसे पूर्णिया में ही दबोच लिया। उसे सिवान लाने की सूचना मिलते ही लोग अपने स्तर से पुलिस कार्रवाई की जानकारी लेने में जुट गए। वहीं कोर्ट में रविवार को जज की उपस्थिति देख लोगों ने यह अनुमान लगाना शुरू कर दिया कि पुलिस अयूब खान को पेशी के लिए लाया जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सोमवार को इसकी कवायद शुरू की गई।
तीन युवकों को अगवा कर ठिकाना लगाने का है आरोप
अयूब पर सिवान के तीन युवकों को अगवा कर ठिकाना लगाने का आरोप है। इस मामले में नगर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज हुई है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस अयूब की तलाश में दिन रात जुटी थी। अयूब खान, कुख्यात रईस खान का बड़ा भाई है। बता दें कि सात नवंबर को तीन युवक शहर से कही निकलें और आठ नवंबर को उनकी काले रंग की स्कार्पियो गोपालगंज में लावारिस हालत में मिली थी। लेकिन लापता युवकों का सुराग नहीं मिला। तीनों युवक शहर के रामनगर निवासी विशाल सिंह, हुसैनगंज थाना क्षेत्र के पैगंबरपुर निवासी अंशु सिंह, जीरादेई थाना क्षेत्र के भलुआ निवासी परमेंद्र यादव हैं। मामले में पुलिस ने विशाल के दोस्त संदीप को गिरफ्तार किया था। संदीप ने पूछताछ के बाद अयूब खान का नाम लेते हुए तीनों युवकों को ठिकाना लगा देने की जानकारी दी थी। इसके बाद नगर थाना में विशाल सिंह की मां के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गई और पुलिस एसआइटी की मदद से उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही थी।