बिहार में अब 15 मिनट में मिलेगी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट, आरटी-पीसीआर जांच को खर्च करने होंगे इतने रुपये
निगेटिव होने पर चार मिनट और पाजिटिव होने पर 13 से 15 मिनट में ही उन्हें जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। इसकी एक किट की ही कीमत 1800 रुपये है। ऐसे में काफी महंगी होने के कारण इससे वीआइपी या किसी बहुत जरूरतमंद व्यक्ति की ही जांच की जाएगी।
पवन कुमार मिश्र, पटना: खास लोगों को अब कोरोना की आशंका होने पर आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के लिए छह से दस घंटे इंतजार नहीं करना पड़ेगा। निगेटिव होने पर चार मिनट और पाजिटिव होने पर 13 से 15 मिनट में ही उन्हें जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। इस मशीन से एक बार में एक ही नमूने की जांच की जा सकती है। इसकी एक किट की ही कीमत 1800 रुपये है। ऐसे में काफी महंगी होने के कारण इससे वीआइपी या किसी बहुत जरूरतमंद व्यक्ति की ही जांच की जाएगी। राज्य स्वास्थ्य समिति के पास ऐसी पांच मशीनें आ चुकी हैं और पांच अन्य कुछ दिनों में आ जाएंगी।
बुधवार को राज्य स्वास्थ्य समिति में राज्य कोरोना सर्विलांस पदाधिकारी डा. रंजीत कुमार सिंह और कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर कुमुद रंजन के निर्देशन में सात लैब टेक्नीशियन को इन पर जांच करने का प्रशिक्षण दिया गया। पटना जिला स्वास्थ्य समिति के लैब टेक्नीशियन कैप्टन राकेश, स्मृति, टीपू सुल्तान वारसी, मुकेश कुमार, पंकज कुमार, सतपाल कुमार और सुजीत कुमार को इस पोर्टेबल मशीन पर जांच की ट्रेनिंग दी गई।
यूएसएफडीए मान्यता प्राप्त है मशीन
एम 2000 रियल टाइम मालीक्यूलर सिस्टम वाली यह पोर्टेबल मशीन किसी छोटे टोस्टर की तरह है। स्वास्थ्यकर्मी इसे लेकर कहीं भी जा सकते हैं और मौके पर ही व्यक्ति को अधिकतम 15 मिनट में आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दे सकते हैं। छह लाख रुपये की इस मशीन से केवल नोबल कोरोना वायरस की ही जांच हो सकती है। दूसरी लहर के दौरान अमेरिका में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद अधिक से अधिक लोगों की आरटी-पीसीआर जांच कराने के लिए इस जांच मशीन को यूएस फूड एंड ड्रग एडिमिनस्ट्रेशन ने इमरजेंसी प्रयोग की अनुमति दी थी। हालांकि, सही परिणाम देने के कारण एबाट कंपनी की आइडी नाऊ नामक इस आरटी-पीसीआर जांच मशीन का इस्तेमाल अब कई देश कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार 1800 रुपये की एक किट होने के कारण इस मशीन से जांच अतिआवश्यक होने पर ही की जाएंगी। वीआइपी के अलावा अति गंभीर रोगी, जिनका तुरंत उपचार नहीं होने पर जान जाने का खतरा हो, उनकी ही जांच की जाएगी। हर किट का हिसाब रखा जाएगा।