बिहार में कोरोना वैक्सीन को पूछता कौन है, यह हम नहीं कह रहे, बक्सर का मामला तो जान लीजिए
कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Coronavirus) को लेकर सरकार शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य पर गंभीरता से जुटी है। लेकिन स्वास्थ्य महकमे के कुछ लापरवाह लोग ही इस योजना को फेल करने में जुटे हुए हैं। इसकी बानगी बक्सर में दिखी।
ब्रह्मपुर (बक्सर), संवाद सूत्र। कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Coronavirus) को लेकर सरकार शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य पर गंभीरता से जुटी है। लेकिन स्वास्थ्य महकमे के कुछ लापरवाह लोग ही इस योजना को फेल करने में जुटे हुए हैं। ऐसा ही कुछ हुआ बक्सर जिले में। दरअसल बक्सर जिले के रघुनाथपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में टीकाकरण केंद्र के बाहर कचरें में कोरोना वैक्सीन फेंक दी गई। फेंकी गई कोरोना वैक्सीन देखकर रविवार को हड़कंप मच गया। करीब आधा दर्जन सीलबंद कोवैक्सीन कचरे में पड़ी थी। यह देखकर स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
बाहरी लोगों का भी हो सकता है हाथ
इस मामले को सिविल सर्जन ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने जांच का आदेश दिया है। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नागेंद्र नाथ ने स्वीकार किया कि अस्पताल परिसर में ही फेंकी गई वैक्सीन बरामद हुई है। इस मामले की जांच सोमवार को उच्चस्तरीय टीम करेगी। इधर घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजकिशोर सिंह मौके पर पहुंचे। प्रारंभिक जांच पड़ताल के बाद डॉ सिंह ने बताया कि एक साजिश के तहत वैक्सीन फेंक दी गई थी। इसमें कुछ बाहरी लोगों का हाथ होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। वैसे मामले के हर पहलू पर जांच पड़ताल की जा रही है।
अस्पताल परिसर में फेंकी मिली वैक्सीन
बताया जाता है कि परिसर के पिछले हिस्से में कोवैक्सीन फेंकी हुई थी। किसी की नजर वैक्सीन पर पड़ी तब बात फैल गई। इसके बाद अधिकारियों को खबर लगी तो वे भागे-भागे पहुंचे। सिविल सर्जन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसीएमओ को जांच का आदेश दिया है। एसीएमओ ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल के प्रभारी ने बताया कि जितने भी वैक्सिनेटर थे, उन सबको दी गई वैक्सीन और लगाई गई वैक्सीन का मिलान किया जाएगा। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।