सरकार को शपथ पत्र देकर होम आइसोलेशन में रह सकेंगे कोरोना मरीज, जानें नियम
कोरोना मरीजों को सरकारी आइसोलेशन में रखने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। अब सरकार को शपथ पत्र देकर संक्रमित होम आइसोलेशन में रह सकेंगे।
पटना, जेएनएन। कोरोना के मरीज अब होम आइसोलेशन में रह सकेंगे। अब तक उन्हें सरकारी आइसोलेशन में रखने की बाध्यता थी, जिसे समाप्त कर दिया गया है। होम आइसोलेशन वाले कोरोना मरीजों को एक शपथ पत्र सरकार को देना होगा। राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार के एक निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिलाधिकारियों को यह फैसला लेने के लिए अधिकृत कर दिया है।
अबतक डॉक्टर-पारा मेडिक्स को ही थी सुविधा
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक का हवाला देकर जिलाधिकारियों और सभी सिविल सर्जनों को फैसले से अवगत कराया है। कुमावत ने कहा है कि अब तक डॉक्टर-पारा मेडिक्स को ही होम आइसोलेशन की सुविधा दी गई थी। अब आम लोगों को भी यह सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कोरोना पॉजिटिव मरीज को होम क्वारंटाइन अथवा आइसोलेशन सेंटर में रखने के लिए जिलाधिकारियों को अधिकृत किया है। पत्र में हिदायत दी गई है कि ख्याल रखा जाए जो व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहना चाहते हो उनके घर पर सेल्फ आइसोलेशन एवं अन्य पारिवारिक व्यक्तियों को क्वारंटाइन करने की आवश्यक सुविधा होनी चाहिए।
संक्रमित को करनी होगी स्वास्थ्य की मॉनीटरिंग
होम आइसोलेशन में रहने के दौरान संबंधित व्यक्ति को नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की मॉनीटरिंग करनी होगी। यदि उनमें कोविड-19 से संबंधित किसी भी प्रकार के लक्षण नजर आते हैं तो उन्हें नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना होगा ताकि उनका सही प्रकार से इलाज हो सके। संबंधित रोगी का होम आइसोलेशन सैंपल संग्रह करने के 14 दिन के बाद समाप्त हो जाएगा। पत्र में कहा गया है कि जो व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहेंगे उन्हें सरकार को एक शपथ पत्र भी देना होगा। जिसमें व्यक्ति कहेगा कि वह कोरोना महामारी से बचाव के लिए हर उपाय करेगा।