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कोरोना संक्रमण ने त्योहार की खुशियों पर लगाया ग्रहण, सात समंदर पार ठहरा ईद का चांद

कोरोना संक्रमण ने ईद की खुशियों पर ग्रहण लगा दिया है। खाड़ी समेत दूसरे देशों में रहने वाले हजारों अप्रवासी इस बार त्योहार में अपने वतन में परिवार के बीच नहीं होंगे। जानें क्यों-

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 07:55 AM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 07:55 AM (IST)
कोरोना संक्रमण ने त्योहार की खुशियों पर लगाया ग्रहण, सात समंदर पार ठहरा ईद का चांद
कोरोना संक्रमण ने त्योहार की खुशियों पर लगाया ग्रहण, सात समंदर पार ठहरा ईद का चांद

अहमद रजा हाशमी, पटना। यह पहला मौका है जब कोरोना संक्रमण ने ईद की खुशियों पर ग्रहण लगा दिया है। खाड़ी समेत दूसरे देशों में रहने वाले हजारों अप्रवासी इस बार त्योहार में अपने वतन में परिवार के बीच नहीं होंगे। महामारी को लेकर रिश्तों के बीच बढ़ी दूरी ईद का चांद सात समंदर पार होने का एहसास करा रही है। सभी अल्लाह से दुआ कर रहे हैं कि जल्द हालात बेहतर हो जाएं और वे अपनों को गले लगा सकें।

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दुबई में फंसा कंकड़बाग का परिववार  

दुबई के इंटरनेश्नल सिटी स्थित स्पेन क्लस्टर में रहने वाले बैंकर्स आरिफ अनवर सिद्दीकी, पत्नी सूफिया लारेंस, पुत्री अलीजा आरिफ घर आने को बेचैन हैं। लॉकडाउन में ऐसा फंसे हैं कि ईद मनाने कंकड़बाग में परिवार के बीच नहीं पहुंच सकेंगे। इरादा था कि भाई-भाभी, बच्चों और बहनों के साथ ईद मनाएंगे। रिश्तेदारों के लिए तोहफे व ईदी का इंतजाम कर लिया था। ऑनलाइन परिवार से बातें होती हैं तो आंखों में आंसू डबडबा जाते हैं। 

स्वजन से मिलने को तरस रहे लोग

कंकड़बाग में रहने वाले भाई एजाज खालिद, भाभी राहिला खालिद, बच्चे हीबा, लीबा, अर्श भी भाई और उसके परिवार से मिलने को तरस रहे हैं। बोले- ईद में परदेसी रिश्तेदारों से गले न मिल पाने की कसक रहेगी। ऐसा पहली बार होगा जब भाई के बिना ईद मनाएंगे। चितकोहरा में इमारत तजीम में रहने वाले मेराज खालिद, नायला कमर, सफवान, आफिया की दुबई में रहने वाले अपने परिवार से मिलने की तड़प बढ़ती जा रही है। इरादा था कि ईद में साथ होंगे। लॉकडाउन से नमाज भले घर में पढ़ेंगे लेकिन अपनों को गले लगा मिल-बैठकर शाही लच्छा खाएंगे।

लॉकडाउन ने फेर दिया अरमानों पर पानी

सऊदी अरब के शहर अल जुबैल में रह रहे मो. जमाल अपनी पत्नी आरफा नाजनी उर्फ शादमा एवं बेटी शीजा जमाल से मिलने को बेताब हैं। फोन पर बताया कि ईद के लिए सामानों की खरीदारी कर ली है। घर में नया मेहमान भी आने वाला है। लॉकडाउन ने अरमानों पर पानी फेर दिया है। ऑनलाइन बातें कर दिल को तसल्ली दे रहा हूं। ओमान की राजधानी मस्कट में कार्यरत इरफान आलम ने कहा कि लॉकडाउन ने कभी न भर पाने वाला जख्म दे दिया। रमजान की चांद रात को अब्बू के इंतकाल की खबर मिली तो तड़प कर रह गया। आलमगंज स्थित घर नहीं आ सका। पत्नी सूफिया, पुत्री आयशा, दामाद व नाती रेयाश और रिश्तेदारों से ईद में मिलने का इरादा था। कोरोना ने तो ईद की खुशी को लॉकडाउन कर दिया है।


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