कोरोना ने बढ़ा दिए नींद के घंटे, 30 मिनट से दो घंटे तक अधिक सो रहे बिहार के लोग
सामान्य दिनों की तुलना में 30 मिनट से दो घंटे तक अधिक नींद लोग कोरोना के समय में ले रहे हैं हालांकि जल्दी सोने की आदत में सुधार नहीं हुआ है। लोग देर से बिस्तर पर जा रहे और सुबह में देर से जाग रहे हैं।
जयशंकर बिहारी, पटना : कोरोना काल में लोग सामान्य दिनों की तुलना में 30 मिनट से दो घंटे तक अधिक नींद ले रहे हैं, हालांकि जल्दी सोने की आदत में सुधार नहीं हुआ है। लोग देर से बिस्तर पर जा रहे और सुबह में देर से जाग रहे हैं। यह तथ्य पटना विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा राज्य के पांच हजार लोगों पर कोरोना काल में उनके सोने व जागने के समय में आए बदलाव पर किए गए सर्वे में सामने आए हैं। टीम के सदस्यों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव काफी कम दिखा है। शहरी क्षेत्र की आबादी पर ज्यादा प्रभाव पड़ा है।
इस वजह से ले रहे अधिक नींद
सर्वे के अनुसार लोगों ने नींद के घंटों में वृद्धि के कई कारण बताए हैं। इनमें बच्चों का स्कूल बंद होना, वर्क फ्राम होम, पार्क, धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों पर घूमने केसीमित विकल्प, स्वास्थ्य के प्रति संजीदगी और कोविड संक्रमण के कारण कमजोरी हैं। सर्वे के समन्वयक अभिषेक आनंद ने बताया कि अधिसंख्य महिलाओं ने स्वीकार किया कि बच्चे के स्कूल नहीं जाने के कारण सुबह में जल्दी उनके लिए नाश्ता-भोजन नहीं बनाना पड़ रहा है। घर में सभी के रहने के कारण रसोई में सामान्य दिनों की तुलना में सहयोग ज्यादा मिलता है। इस कारण पूरी नींद ले रही हैं। सर्वे में पांच हजार में 345 परिवार के सदस्य वर्क फ्राम होम में रहे। अधिसंख्य ने स्वीकार किया कि नींद के लिए अब पर्याप्त समय मिल रहा है। सर्वे के अनुसार 65 फीसद लोगों ने स्वीकार किया है कि पहले की तुलना में बिस्तर पर मोबाइल ज्यादा देखते हैं। इस कारण देर से सोते हैं। और नींद भी देर से खुलती है।
- -10 जिलों के पांच हजार परिवारों पर पटना विवि के छात्रों ने किया सर्वे
- -30 मिनट से दो घंटे तक अधिक सो रहे लोग
- -65 फीसद ने बताया कि अब मोबाइल ज्यादा देखते हैं
इन जिलों में किया गया सर्वे
पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्णिया, मोतिहारी, दरभंगा, नालंदा, रोहतास और कटिहार
उम्र : नींद की आदर्श अवधि
तीन से पांच साल : 10 से 13 घंटे
छह से 13 साल : नौ से 11 घंटे
14 से 17 साल : आठ से 10 घंटे
18 से 25 साल : सात से नौ घंटे
26 से 64 साल : सात से नौ घंटे
65 साल से अधिक : सात से आठ घंटे
(निर्धारित घंटे से कम या ज्यादा होने पर चिकित्सकीय परामर्श लें)
कमजोरी के कारण ज्यादा आ रही नींद
एम्स, पटना के कोरोना नोडल पदाधिकारी डा. संजीव कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों में कमजोरी व सुस्ती की शिकायत आम है। आइसीयू में भर्ती 71 फीसद और वार्ड में भर्ती 62 फीसद लोगों ने इसकी शिकायत की है। कमजोरी व सुस्ती के कारण भी नींद के घंटे बढ़ गए हैं। इससे चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है। संक्रमण से ठीक हुए लोगों को पर्याप्त नींद लेने की जरूरत है। यह उनके सेहत के लिए साकारात्मक होगा। यदि नींद कम आती है तो चिकित्सक से संपर्क करें। स्वस्थ्य रहने के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है। रात में जल्दी नींद नहीं आती है तो मनपंसद पुस्तक पढऩे से थोड़ी राहत मिलेगी।