छठ के बाजार पर दिखा कोरोना का असर, पिछले साल की तुलना में 40 फीसद कम हुआ फल कारोबार
बाजार का हाल पटना में फल मंडी के बड़े व्यवसायियों के मुताबिक इस बार छठ के मौके पर 50 करोड़ रुपये पर सिमट गई थोक फल मंडी बाजार समिति जिलों के विक्रेताओं की संख्या कम रहने से घटा व्यापार का दायरा
पटना, जेएनएन। थोक फल मंडी बाजार समिति में फलों का कारोबार पिछले साल की तुलना में 40 फीसद पीछे रह गया है। छठ महापर्व का कारोबार करने के बाद शनिवार को नफा-नुकसान का आकलन करने में व्यवसायी जुटे रहे। अनुमान है कि इस बार छठ पर थोक मंडी में कुल करीब 50 करोड़ रुपये का ही कारोबार हो सका जबकि उम्मीद करीब 85 करोड़ रुपये के कारोबार की थी।
बाजार में भीड़ अधिक दिखी, लेकिन खरीदारी कम रही
खरना तक अनुमान लगाया गया था कि 45 करोड़ रुपये का कारोबार थोक फल मंडी बाजार समिति में हुआ। पटना फ्रूट वेजिटेबल एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत प्रसाद ने कहा कि पहले अघ्र्य के दिन अनुमान था कि 15 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ लेकिन भीड़ के बावजूद फलों का बिक्री अपेक्षाकृत कम रही। ये सभी स्थानीय खरीदार थे जिन्होंने 1000 से 2000 रुपये की ही फलों की खरीदारी की। साथ ही पटना और आसपास के खुदरा विक्रेताओं की ओर से अच्छी खरीदारी हुई।
व्यवसायियों से जानें क्यों घटा व्यवसाय का दायरा
शशिकांत प्रसाद ने कहा कि इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से जिलों के थोक विक्रेता उम्मीद के अनुरूप पटना नहीं पहुंच सके। इसलिए करीब 35 करोड़ रुपये का कारोबार नहीं हो सका। मंडी में फलों का स्टॉक अब भी बचा है। अनार और अमरूद की आमद कम थी, इसलिए इन फलों का स्टॉक नहीं है लेकिन सेब, संतरा की अब भी मंडी में कमी नहीं है।
यातायात पुलिस पर लगाया ट्रकों से अवैध वसूली का आरोप
पिछले साल की तुलना में फलों का कारोबार भले कम हुआ हो लेकिन इस बार प्रशासन की पहल से खरीदारों को सहूलियत हुई। शशिकांत प्रसाद ने कहा कि पुरुष के साथ ही महिला बल की नियुक्ति, यार्ड में रोशनी की अच्छी व्यवस्था, यातायात व्यवस्था के लिए नियंत्रण कक्ष बनाने जाने से खरीदारी आसानी से हो सकी। हालांकि यातायात पुलिस की ओर से ट्रकों से अवैध वसूली का सिलसिला थमता नजर नहीं आया। एसोसिएशन इसकी निंदा करता है। साथ ही पेयजल, फलों की लोडिंग के लिए गाडिय़ों की व्यवस्था, लाउडस्पीकर, 1000 छोटे दुकानदारों को बिना शुल्क दुकानों का आवंटन जैसी व्यवस्था भी की गई थी।
इस हफ्ते दूर होगी फलों की कीमत में तल्खी
फलों के भाव में आई त्योहारी तल्खी अब दूर हो सकती है। फल विक्रेताओं का कहना है कि फलों की मांग एक सप्ताह तक बहुत कम रहेगी क्योंकि अधिकांश घरों में फल है। दूसरी ओर जिन फलों का स्टॉक बच गया है, उसे कम मुनाफा पर बेचने की कोशिश होगी। ऐसे में फलों के भाव में आगे नरमी की उम्मीद की जा सकती है।