चाय-कॉफी की जगह काढ़ा, बारातियों का स्वागत गुलाब जल नहीं सैनिटाइजर से किया जाए..
कोरोना ने जिन्दगी के मायने ही बदल दिेए हैं। शादी समारोह में अब बिना मास्क के इंट्री नहीं दी जा रही तो वहीं चाय-कॉफी की जगर काढ़ा दिया जा रहा है । स्वागत भी सैनिटाइजर से किया जा रहा
प्रभात रंजन/उमाशंकर गुप्ता, पटना। मंडप में बैठे दूल्हे को हल्दी लगाने से पहले खुद हाथों में सैनिटाइजर लगाया जा रहा है। पंडित जी भी मास्क पहनकर ही मंत्र का उच्चारण कर रहे हैं। बरातियों पर सैनिटाइजर मिला हुआ इत्र छिड़का जा रहा है। कोरोना काल ने शादियों के रस्म-रिवाज भी ऐसे कई बदलाव कर दिए हैं।
मनेर के रामाधार नगर में अरुण कुमार के पुत्र डॉ. कुंदन कुमार की शादी 28 जून को है। शुक्रवार को हल्दी व मड़वा क कार्यक्रम था। दूल्हे के साथ घर में आए सभी मेहमान मास्क में ही दिखें। महिलाएं भी मास्क लगाकर शादी के मंगल गीत गाती रहीं।
कार्ड पर छपवाया-मास्क पहनकर ही आएं
अरुण कुमार कहते हैं, हमने तो शादी के कार्ड पर ही छपवा दिया है कि शादी के कार्यक्रमों में मास्क पहनकर आना अनिवार्य है। जो लोग फिर भी बिना मास्क पहने समारोह स्थल तक आएंगे, उनके लिए गेट पर मास्क का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा दरबान बराती-घराती दोनों लोगों को सैनिटाइज करने के बाद ही अंदर प्रवेश देगा।
दूल्हे के चाचा लाल बाबू प्रसाद कहते हैं, पिछले कई दिनों से अखबारों में शादी-कार्यक्रम के दौरान दूल्हे या अन्य परिजनों के संक्रमित होने की खबरें छपी हैं। इसके कारण ही सारे बदलाव किए गए हैं।
इवेंट कंपनियों ने भी बदला प्लान
पर्पल पाई इवेंट कंपनी की मैनेजर आयुषी कोचर ने कहा कि बारातियों के स्वागत के लिए प्रवेश द्वार पर पहले इत्र छिड़क टीका लगाया जाता था, अब इत्र में सैनिटाइजर मिला कर स्वागत किया जा रहा है। प्लेट में पहले गुलाब के फूल रखे जाते थे वही अब मास्क और सैनिटाइजर के छोटे-छोटे डिब्बे रखे जा रहे हैं। हॉल या गेट को सजाने के लिए प्राकृतिक और कृत्रिम फूलों को सैनिटाइज कर लगाया जा रहा है। ब्यूटी पार्लर में मेकअप आर्टिस्ट भी पीपीई किट पहनकर दुल्हन को सजा रही हैं।
मेन्यू बदला, चाय-कॉफी की जगह काढ़ा
कोरोना ने शादी में खाने-पीने का मेन्यू भी बदल दिया है। बरातियों के स्वागत के लिए इन दिनों चाय-कॉफी या कोल्ड ड्रिंक की जगह तुलसी, अदरक, लौंग आदि से तैयार काढ़ा दिया जा रहा है। भोजन बनाने वाले कारीगर भी हाथ में ग्लब्स पहनकर और सिर को ढके रख रहे हैं। क्रॉकरी वाली प्लेट की जगह डिस्पोजल प्लेट का इस्तेमाल किया जा रहा जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा कम से कम हो।