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नीतीश सरकार ने आंध्र की मछली पर उठाया यह कदम, CS की बैठक में हुआ फैसला

आंध्र की मछली पर नीतीश सरकार ने लिया फैसला। बिहार में फिलहाल आंध्र की मछली पर रोक जारी रहेगी। बुधवार को मुख्‍य सचिव की बैठक में हुआ फैसला।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 12:35 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 08:43 PM (IST)
नीतीश सरकार ने आंध्र की मछली पर उठाया यह कदम,  CS की बैठक में हुआ फैसला
नीतीश सरकार ने आंध्र की मछली पर उठाया यह कदम, CS की बैठक में हुआ फैसला
पटना [जेएनएन]। आंध्र की मछली पर नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार में फिलहाल आंध्र की मछली पर रोक जारी रहेगी। जब तक जांच नहीं हो जाती है, वहां की मछली बिहार में नहीं बिकेगी। जांच पूरी होने के बाद इस पर आगे का निर्णय लिया जाएगा। आंध्र की मछली की बिक्री पर रोक का फैसला बुधवार को मुख्य सचिव की हुई बैठक में लिया गया। 
पटना में बुधवार को मुख्‍य सचिव दीपक कुमार की अध्‍यक्षता में आंध्र की मछली मामले को लेकर महत्‍वपूर्ण बैठक हुई। इसमें फैसला लिया गया कि फिलहाल बिहार में आंध्र की मछली पर रोक जारी रहेगी। इसमें यह भी निर्णय हुआ कि बिहार सरकार की ओर से दो सदस्यीय टीम आंध्र प्रदेश जाकर मंडी की जांच करेगी।
जानकारी के अनुसार मत्स्य विभाग के निदेशक गुरुवार को आंध्र प्रदेश जाएंगे। उनके साथ टीम में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारी भी रहेंगे। इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर आगे की कोई कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि बिहार के उत्पादित मछली की भी जांच होगी। उत्पादन स्थल से ही मछली का सैंपल लेने की बात हुई है।
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने पिछले दिनों आंध्र प्रदेश व पश्चिम बंगाल से आयातित मछलियों पर रोक लगा दी थी। कहा गया कि उन मछलियों में कैंसर कारक फॉर्मलीन की मात्रा अत्‍यधिक है। इसके बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर रिपार्ट की सत्‍यता पर सवाल उठाए। उन्होंने दोनों राज्यों के हित में मछली कारोबार पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की। 
चंद्रबाबू नायडू ने अपने पत्र में लिखा कि कुछ गलतफहमियों की वजह से बिहार-आंध्र प्रदेश के बीच लंबे समय से चल रहा मछली का कारोबार प्रभावित हुआ है। दोनों राज्यों के फायदे के लिए इसका दोबारा प्रारंभ करना आवश्यक है। उन्‍होंने यह भी लिखा कि जिस फॉर्मलीन का आरोप लगाकर आंध्र की मछली पर प्रतिबंध लगाया गया है, उसके बारे में मछली कारोबारियों ने साफ तौर पर इनकार किया है। डिपार्टमेंट ऑफ फिशरीज एंड इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसीन (पब्लिक हेल्थ लैब एंड एडमिनिस्ट्रेशन) की ओर से संयुक्त छापामारी अभियान चलाकर भी फॉर्मलीन की जांच की गई, लेकिन इसके प्रयोग का प्रमाण नहीं मिला।
इधर बुधवार काे हाेनेवाली बैठक से यहां के मछली बिक्रेताओं को उम्‍मीद थी कि यह रोक हट जाएगी। लेकिन एक बार उनकी उम्‍मीदों को झटका लगा है। बिहार सरकार ने आंध्र की मछली पर फिलहाल रोक को जारी रखने का निर्देश दिया है। 

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