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संविधान दिवस: पांच फीसदी कर्मियों के कारण व्यवस्था है बदनाम, अनजाने में भी न करें ये गलती

संविधान दिवस के अवसर पर गुरुवार को संविधान की रक्षा की शपथ दिलाई। इस दौरान बिहार की राजधानी पटना में प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की वजह से पूरी व्यवस्था बदनाम है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 03:33 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 03:33 PM (IST)
संविधान दिवस: पांच फीसदी कर्मियों के कारण व्यवस्था है बदनाम, अनजाने में भी न करें ये गलती
प्रमंडल कार्यालय में संविधान की रक्षा की शपथ दिलाते संजय कुमार अग्रवाल व अन्य।

पटना, जेएनएन। पटना प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने संविधान दिवस के अवसर पर गुरुवार को प्रमंडल कार्यालय में संविधान की रक्षा की शपथ दिलाई। इसमें नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा, एडीएम राजीव कुमार श्रीवास्ताव, डीपीआरओ प्रमोद कुमार, पाटलिपुत्र अंचल की कार्यपालक पदाधिकारी प्रतिभा सिन्हा, एडीटीओ ज्योति सहदेव आदि शामिल हुए। 

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कई जान बूझकर तथा कई अनजाने में करते हैं गलतियां

शपथ दिलाने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि पांच फीसदी लोगों के कारण संविधान में प्रदत्त नियम कानून का उल्लंघन होता है। कई जान बूझकर तथा कई अनजाने में गलती कर बैठते हैं। इस कारण सरकारी व्यवस्था बदनाम रहती है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई भी होती है। 

प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि संविधान दिवस के अवसर पर संविधान के तहत कार्य करने की शपथ दिलाई जाती है। संविधान में कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपािलका की व्यवस्था की गई है। साथ ही सभी तरह की धाराओं की व्यवस्था की गई है। संविधान मानता है कि कुछ लोग उल्लंघन करेंगे। इसके उल्लघंन पर कानून के दायरे में आ जाते हैं। कार्रवाई हाेती है। लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए संविधान के अनुसार सभी कार्य करना चाहिए। प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि छोटी से छोटी गलती भारी पड़ सकती है, इस लिए अनजाने में भी संविधान के खिलाफ कोई कार्य न करें। 

प्रमंडलीय आयुक्त ने दिलाई शपथ

हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्पित होकर अपनी संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई. को एतद्द्धारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।


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