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मुजफ्फरपुर का महापाप: विलेन ब्रजेश का दिल्‍ली तक फैला साम्राज्‍य, बड़ों-बड़ों तक जुड़े तार

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्‍य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने अपने संपर्कों का भरपूर इस्‍तेमाल किया। इन संपर्कों के बल पर उसने करोड़ों का साम्राज्‍य खड़ा किया। जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 09:11 AM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 11:51 PM (IST)
मुजफ्फरपुर का महापाप: विलेन ब्रजेश का दिल्‍ली तक फैला साम्राज्‍य, बड़ों-बड़ों तक जुड़े तार
मुजफ्फरपुर का महापाप: विलेन ब्रजेश का दिल्‍ली तक फैला साम्राज्‍य, बड़ों-बड़ों तक जुड़े तार

पटना [राज्य ब्यूरो]। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीडऩ कांड के विलेन ब्रजेश ठाकुर की करतूतों और उसकी काली कमाई की जांच सीबीआइ ने शुरू कर दी है। ब्रजेश ने मुजफ्फरपुर और पटना से लेकर दिल्ली तक अपना दायरा फैला रखा है। उसने पिछले पांच वर्षों में करोड़ों की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। उसके तार शासन-प्रशासन में गहरे धंसे मिले हैं। उसकी मानें तो वह कांग्रेस से चुनाव भी लड़ने वाला था।
फर्जी नामों से खोल रखे कई बैंक खाते

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सूत्र बताते हैं कि मुजफ्फरपुर पुलिस ने अपनी सुपरविजन रिपोर्ट में ब्रजेश की संपत्ति व उसके संपर्कों की चर्चा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ब्रजेश ठाकुर के फर्जी एनजीओ में उसके सगे-संबंधियों को ही वेतनभोगी कर्मचारी बना रखा था। उसका यह धंधा सिर्फ मुजफ्फरपुर बालिका गृह और महिला आश्रय गृह में ही नहीं, समस्तीपुर के वृद्धाश्रम में भी कायम था। उसने फर्जी नामों से कई बैंक खाते भी खोल रखे हैं।

बिहार से दिल्‍ली तक करोड़ों की चल-अचल संपत्ति

सुपरविजन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उसने एनजीओ के नाम से करोड़ों रुपये बनाए हैं। इससे न केवल मुजफ्फरपुर में, बल्कि पटना, दिल्ली, समस्तीपुर दरभंगा और बेतिया में भी करोड़ों की अचल संपत्ति अर्जित की है। सीबीआइ के हाथ लगी इस सुपरविजन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उसकी इस काली कमाई में न केवल विभन्न महकमो के आला अधिकारी बल्कि कई बैंकर्स भी शामिल हैं।

सत्‍ता पर गहरी पकड़ का उठाया लाभ

ब्रजेश ठाकुर का संपर्क शासन में भी गहरा था। पत्रकार होने के नाते उसने अपने संपर्कों का भरपूर फायदा उठाया। अपने एनजीओ संकल्प सेवा एवं विकास समिति के माध्यम से समाज कल्याण विभाग के अलावा स्वास्थ्य विभाग से भी करोड़ों रुपये का आवंटन लेता रहा। इसके अलावा वह अपने अखबार (प्रात: कमल) के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से भी सरकारी विज्ञापन लेता रहा।

उसके संपर्क समाज कल्‍याण मंत्री मंजू वर्मा तक रहे हैं। मंत्री व उनके पति से इस साल ब्रजेश की 17 बार बातचीत इस संपर्क का बड़ा प्रमाण है। बुधवार को कोर्ट में पेशी के दौरान ब्रजेश ने भी मंत्री के पति से अपने संबंधों को स्‍वीकर किया। हालांकि, मंत्री मंजू वर्मा दोनों के बीच मोबाइल पर बातचीत को सामाजिक संपर्क बताते हुए किसी घोटाला या साजिश के आरोप को खारिज करती हैं।
ब्रजेश की पकड़ कांग्रेस में भी थी। बुधवार को पेशी के लिए कोर्ट लाए जाने के दौरान मीडिया से बातचीत में उसने कहा कि वह कांग्रेस से चुनाव लड़ने जा रहा था। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अयध्‍क्ष कौकब कादरी ने इससे इनकार किया है।

ब्रजेश के संपर्क सत्‍ता प्रतिष्‍ठान में और भी गहरे थे। उसके व्‍यक्‍तिगत आयोजनों में पक्ष-विपक्ष के बड़े-बड़े नेताओं को शिरकत करते देखा गया है।

सीबीआइ की चार्जशीट का इंतजार कर रहा है ईडी

उधर, मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीडऩ मामले की सीबीआइ जांच पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी अपनी निगाह बनाए हुए है। ईडी सूत्रों ने बताया कि उसकी जांच की प्रगति पर निगाह है। ईडी अभी सीबीआइ द्वारा इस मामले में चार्जशीट दायर करने का इंतजार कर रही है। चार्जशीट दायर होते ही ब्रजेश ठाकुर की काली कमाई की जब्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।


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