RLSP के JDU में विलय पर गरमाई बिहार की सियासत, RJD ने कुशवाहा पर लगाया गिरगिट की तरह रंग बदलने का आरोप
Bihar Politics उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय कर दिया है। दूसरी तरफ राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस विलय पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने भी इस विलय पर बड़ी बात कही है।
पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्क। Bihar Politics, RLSP merger in JDU: उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (Rashtriya Lok Samta Party) का सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (Janta Dal United) में विलय हो गया। उपेंद्र कुशवाहा करीब आठ साल के बाद जदयू में वापस हो गए हैं। उन्होंने जदयू से ही अलग होकर रालोसपा का गठन किया था। उपेंद्र और नीतीश के साथ को लेकर बिहार के राजनीतिक हलके में जमकर बयानबाजी हो रही है। जदयू और भाजपा इसे स्वभाविक और बिहार के हित में लिया गया फैसला बता रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस और राजद ने इसे अवसरवाद की पराकाष्ठा बताया है। राजद ने इसे गिरागिट की तरह रंग गदलने वाला फैसला बताया है। राजद नेता तेजस्वी यादव के मुताबिक यह पूरा विलय ही फर्जी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा को पहले ही रालोसपा से बाहर कर दिया गया था और इस पार्टी का विलय राजद में हो चुका है।
राजद ने गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला बताया
लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) की पार्टी राजद (RJD) के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा अवसरवादी हैं। उन्होंने कहा कि रालोसपा का गठन ही जदयू से अलग होकर किया गया था। नीतीश सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ रालोसपा ने आंदोलन खड़ा किया था। उन्होंने कहा कि गिरगिट की तरह रंग बदलने वालों को प्रदेश की जनता माकूल जवाब देगी।
कांग्रेस बोली- पत्नी को मंत्री बनवाने के लिए उपेंद्र ने बदला रंग
इधर, कांग्रेस नेता असित नाथ तिवारी ने भी ऐसी ही बात कही है। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू के साथ लौटने के लिए अपनी पत्नी को विधान पार्षद और मंत्री बनवाने की डील की है। पत्नी को सरकार में शामिल कराने के लिए उपेंद्र कुशवाहा ने सिद्धांत को तिलांजलि दे दी है। यह अवसरवाद की राजनीति है।
जदयू नेता बोले- उपेंद्र अपने परिवार के बीच लौट रहे हैं
जदयू नेता अजय आलाेक ने कहा कि उपेंद्र और नीतीश अलग ही कब थे? वे जदयू परिवार के सदस्य हैं और अपने परिवार में लौट रहे हैं। दाेनों के बीच संबंध लगातार बने हुए हैं। इससे पहले जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी ऐसी ही बातें कही थीं। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कभी जदयू से अलग हुए ही नहीं हुए थे।
भाजपा बोली- महागठबंधन ने नहीं किया उपेंद्र का सम्मान
भाजपा नेता निखिल मंडल ने कहा कि महागठबंधन ने उपेंद्र कुशवाहा का सम्मान नहीं किया। उपेंद्र पहले भी एनडीए का हिस्सा थे। वे नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। एनडीए छोड़ने का फैसला उन्होंने खुद ही किया था। उनका जदयू में लौटने का फैसला स्वागत योग्य है।