बिहार: महागठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हुई कांग्रेस, राजद को ले एकमत नहीं पार्टी
महागठबंधन की बुधवार को हुई बैठक से कांग्रेस का गैरहाजिर रहना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। इसके पीछे अब तरह-तरह के कारण गिनाए जा रहे हैं। पड़ताल करती रिपोर्ट।
पटना [एसए शाद]। महागठबंधन की बुधवार को हुई बैठक से कांग्रेस का गैरहाजिर रहना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। बैठक में सभी घटक दलों के अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि मौजूद थे, लेकिन कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि अंत तक दिखाई नहीं दिया। सूत्रों ने बताया कि हार के कारणों को लेकर पार्टी के अंदर नेताओं की अलग-अलग राय के कारण कांग्रेस ने इस अहम बैठक में जाने से परहेज किया।
राजद की वरिष्ठ नेत्री पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर हुई इस बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मदन मोहन झा आमंत्रित थे। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि डाॅ. झा को बुधवार को दरभंगा पहले से ही निर्धारित एक कार्यक्रम में जाना था, इस कारण वह बैठक में शामिल नहीं हो सके। अगर पता रहता कि उनके शामिल नहीं होने के अलग मायने निकाले जाएंगे तो वह दरभंगा जाने का अपना कार्यक्रम अवश्य रद्द कर देते। वहीं, कांग्रेस रिसर्च विभाग के प्रदेश अध्यक्ष आनंद माधव ने बताया कि दरभंगा जाने से पहले डाॅ. झा ने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से टेलीफोन से बात की थी।
दूसरी ओर पार्टी सूत्रों ने बताया कि हार के कारणों को लेकर चारों कार्यकारी प्रदेश अध्यक्षों एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं की राय अलग-अलग हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने इसी कारण अपनी जगह और किसी को अपने प्रतिनिधि के रूप में भेजना मुनासिब नहीं समझा। पार्टी के अंदर अलग-अलग राय जो उभर रही हैं, उसमें राजद को हार का जिम्मेदार ठहराना, राजद नेता और लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव की राजद विरोधी गतिविधियां एवं आपसी समन्वय का अभाव प्रमुख हैं, मगर इससे भी अहम बात जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की जुबान पर है, वह यह है कि कांग्रेस को अब राजद से अलग होकर आगे चुनाव लडऩा चाहिए।
प्रदेश महिला कांग्रेस की मंगलवार को हुई बैठक में भी यह बात जोरदार ढंग से उठी। कुछ नेताओं की सोच यह भी है कि महागठबंधन की बैठक की मेजबानी अब प्रदेश में कांग्रेस को करनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है। इसके अलावा प्रदेश में कांग्रेस ही महागठबंधन में शामिल एक ऐसी पार्टी है, जिसका एक प्रत्याशी चुनाव जीतने में कामयाब हुआ है। कांग्रेसियों के अंदर यह सोच भी पनप रही है कि राजद हमेशा से ही हमें दोयम दर्जे के नागरिक की तरह देखती रही है। अब आगे इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस क्रम में राजद नेता तेजस्वी यादव के इस बयान को भी अहंकारी बताया जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से बात करेंगे। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष मिन्नत रहमानी ने तेजस्वी यादव की बात पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस को विश्वास में लेकर चलना होगा। उनके मुताबिक - 'राहुल गांधी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और प्रदेश कांग्रेस राहुल गांधी का ही प्रतिनिधित्व करती है।'
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