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मोदी सरकार को चार साल पूरा करने के लिए बधाई, लेकिन दलितों के मुद्दे अभी लंबित

जदयू नेता श््याम रजक ने परधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चार साल के कार्यकाल पूरा होने पर बधाई देते हुए कहा कि वह अच्छा काम कर रहे है। लेकिन अभी दलितों के लिए बहुत काम करना बाकी है। रजक ने उम्मीद जताई कि विश््नास है कि प्रधानमंत्री मोदी बाकी बचे एख साल में बहुत कुछ कर जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 05:12 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 05:22 PM (IST)
मोदी सरकार को चार साल पूरा करने के लिए बधाई, लेकिन दलितों के मुद्दे अभी लंबित
मोदी सरकार को चार साल पूरा करने के लिए बधाई, लेकिन दलितों के मुद्दे अभी लंबित

पटना [जेएनएन]। जदयू नेता श्याम रजक ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चार साल के कार्यकाल पूरा करने के लिए हार्दिक बधाई दी है। साथ ही कहा कि उनके सामने दलितों के मुद्दे अभी लंबित हैं। उन्होंने कहा कि दलितों की इस सरकार से जो अपेक्षाएं थी। उन अपेक्षाओं की पूर्ति अभी नहीं हो सकी है जिन्हें पूरा करना बाकी है। श्याम रजक ने प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद जताई कि अभी कार्यकाल के पूरा होने में एक साल बाकी है। उन्होंने कहा कि जनता और विशेश कर दलितों को उनसे काफी उम्मीद है। विश्वास है कि बाकी बचे एक साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत कुछ ऐसा काम कर जाएंगे जिनसे जनता ने आस लगाई है।

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श्याम रजक ने कहा कि चाहे वह अनुसूचित जाती/जनजाति के प्रोन्नति में आरक्षण का मामला जो संसद के लंबित है या चाहे वह हमारे अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम कानून 1989 को संविधान के नौवीं अनुसूची में शामिल करने का काम हो वह भी अबतक पूरी नहीं हो सका है। विपरीत इसके दलितों की हत्या, उन पर अत्याचार, अनाचार और दहशत के वातावरण में कोई कमी नहीं हुई। चाहे वह रोहित वेमुला का मामला हो, गुजरात के उना और राजकोट का मामला हो या उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलितों के दमन का मामला हो। इन घटनाओं से यह जाहिर है कि दलितों को लगातार प्रताड़ित किए जाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है।

उन्होंने कहा कि दलितों के आराध्य बाबा साहेब अंबेडकर को याद तो किया गया, पर जो उनके संकल्प और उनके विचार थे कि जो समाज के सबसे निचले पायदान पर है। उन्हें कई तरह से सुविधा देकर उनके अंदर स्वावलंबन, शिक्षा की ज्योति और उनके अंदर आर्थिक संबलता लाने की अभी जरूरत है। उनके इन विचारों पर काम में बहुत शिथिलता बरती गई है।

श्याम रजक ने कहा कि मेरी मोदी सरकार से अपेक्षा होगी कि बच रहे एक साल में वे दलितों के लंबित अधिकार चाहे वह अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम कानून 1989 को संविधान के नौवीं अनुसूची में शामिल करनें की बात हो, प्रोनत्ति में आरक्षण ,न्यायिक सेवा आयोग में आरक्षण, निज़ी क्षेत्रों में आरक्षण, चाहे नौकरियों के बैकलॉग को पूरा करना की बात हो।


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