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Bihar Assembly Election 2020: विधानसभा चुनाव कराने की दिशा में आयोग ने बिहार में बढ़ाया एक और कदम, जानें तैयारी

Bihar Assembly Election 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। सर्वदलीय बैठक के बाद 29 जून से कर्मियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 07:45 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 10:07 PM (IST)
Bihar Assembly Election 2020: विधानसभा चुनाव कराने की दिशा में आयोग ने बिहार में बढ़ाया एक और कदम, जानें तैयारी
Bihar Assembly Election 2020: विधानसभा चुनाव कराने की दिशा में आयोग ने बिहार में बढ़ाया एक और कदम, जानें तैयारी

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। सर्वदलीय बैठक के बाद उसकी अगली तैयारी अब अपने मुलाजिमों को प्रशिक्षण देना है। 29 जून से छह जुलाई तक आठ दिनों तक पहले चरण में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के कर्मियों को प्रशिक्षण देकर मास्टर ट्रेनर बनाया जाएगा। अगले चरण में मास्टर ट्रेनर जिलों के कर्मियों और फिर अनुमंडल के बाद प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोग ने तैयार किया है। उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी बैजू कुमार सिंह बताया कि पहले आयोग कार्यालय मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में राज्यस्तरीय प्रशिक्षण देगा। 

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चुनाव को लेकर शेड्यूल तय

चुनाव आयोग ने नामांकन से लेकर स्क्रूटनी, नाम वापसी और मतदान के बाद मतगणना कराने तक का प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम तय कर दिया है। इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में लगाए जाने वाले कर्मचारियों की ट्रेनिंग का तरीका थोड़ा अलग होगा। खास तौर से इवीएम और वीवीपैट की ट्रेनिंग को लेकर आयोग ने विशेष एहतियात बरतने का निर्णय किया है।

इवीएम-3 से करायी जाएगी वोटिंग

दरअसल, आयोग इस बार नवीनतम इवीएम-3 मॉडल से चुनाव कराने की तैयारी में जुटा है। ऐसे में आयोग का उद्देश्य यह है कि सभी कर्मियों को प्रशिक्षण में बताई गईं बातें बेहतर तरीके से समझाई जाए। यही नहीं इवीएम और वीवीपैट को ऑपरेट करने में भी उन्हेंं कोई परेशानी सामने नहीं आए यह भी सुनिश्चित करें। प्रशिक्षण का पूरा कार्यक्रम और तरीका निर्वाचन आयोग के निर्देश पर ही तय किया जा रहा है। ट्रेनिंग की खास बात यह होगी कि इसकी वीडियो रिकाॄडग भी कराई जाएगी, ताकि निर्वाचन आयोग अगर प्रशिक्षण के बारे में जानना चाहे तो उसे वीडियो रिकाॄडग उपलब्ध कराई जा सके। इस बार की खास बात यह है कि नए ईवीएम एम-3 से आयोग चुनाव कराने जा रहा है।

क्या है ईवीएम एम-3 

अक्सर यह देखा जाता है कि हर चुनाव के बाद हारने वाली पाॢटयां अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर ही फोड़कर धांधलेबाजी का आरोप गढ़ती हैं। इसलिए अब भारत निर्वाचन आयोग ईवीएम एम-3 यानी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन मार्क-3 का इस्तेमाल करने जा रहा है। बताया जाता है कि ईवीएम की चिप को सिर्फ एक बार ही प्रोग्राम किया जा सकता है और चिप के सॉफ्टवेयर को पढ़ा भी नहीं जा सकता है। इसे ना तो इंटनेट ना ही किसी नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है, यहां तक कि इसे खोलने की कोशिश की गई तो यह मशीन छेड़छाड़ करने वाले की फोटो खींच कर खुद बंद हो जाएगी। इसके अलावा ईवीएम-3 में 384 प्रत्याशियों की जानकारी रखी जा सकती है।


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