सीएम नीतीश ने पीएम मोदी को बताया बिहार में कोरोना का हाल, कहा- रोज हो रहे 10 हजार टेस्ट, 20 हजार का है टारगेट
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार में कोरोना की अद्यतन स्थिति बताई और आश्वस्त किया कि निरंतर समीक्षा करते हुए बचाव के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार में कोरोना की अद्यतन स्थिति बताई और आश्वस्त किया कि निरंतर समीक्षा करते हुए बचाव के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा जांच की जा रही है। 30 अप्रैल को जहां मात्र 1446 सैंपल की जांच हुई थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर लगभग 10 हजार प्रतिदिन कर दिया गया है। इसे और बढ़ाना है और 20 हजार करने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री का बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छठा संवाद था।
पीएम ने जाना निपटने का उपाय
पीएम नरेंद्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना संकट से निपटने के उपायों पर बात कर रहे थे। उन्होंने संक्रमण से निपटने में केंद्र और राज्य सरकार के सामूहिक प्रयासों, आम लोगों के संयम, अधिकारियों की तत्परता एवं कोरोना योद्धाओं के समर्पण की सराहना की। इसी क्रम में पीएम मोदी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से भी बात की।
केंद्र की गाइडलाइन का बिहार ने किया पालन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि देश एक है। नागरिकता भी एक है, इसलिए यहां कोई प्रवासी नहीं है। देश के किसी भी हिस्से में कोई भी जाकर रोजगार कर सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के आपदा प्रबंधन कानून-2005 के अनुसार जारी गाइडलाइन का बिहार ने अक्षरश: पालन किया। संक्रमण रोकने के लिए प्रत्येक जरूरी उपाय किए गए।
36 से बढ़ाकर 50 हजार किए जाएंगे बेड
बिहार में 36 हजार आइसोलेशन बेड की व्यवस्था है, जिसे बढ़ाकर 50 हजार करना है। जिला एवं अनुमंडल स्तर पर बनाए गए कोविड हेल्थ सेंटर में पांच हजार 329 बेड की व्यवस्था की गई है, जिसे 8500 तक बढ़ाने का लक्ष्य है। गंभीर रूप से संक्रमितों के लिए राज्य के तीन मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 2344 बेड की व्यवस्था है। चिह्नित क्षेत्रों से आए लोगों की भी जांच कराई जा रही है।
हमारी कोशिश, मजबूरी में कोई बाहर नहीं जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों से आए लोगों से वीसी से बातचीत में पता चला कि बाहर में उन्हें काफी कष्ट हुआ है। अब वे बाहर नहीं जाना चाहते हैं। लगभग 30 लाख लोगों का स्किल सर्वे कराया गया है। हमलोगों की कोशिश है कि मजबूरी में किसी को बाहर नहीं जाना पड़े, लोगों को यहीं रोजगार मिले। मनरेगा, सड़क निर्माण, भवन निर्माण, सात निश्चय एवं जल-जीवन-हरियाली योजनाओं में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दिए गए हैं। केंद्र सरकार से आग्रह है कि मनरेगा के तहत छह करोड़ और मानव दिवस सृजन की स्वीकृति दी जाए। साथ ही मानव दिवसों की संख्या 100 दिन की जगह 200 दिन किया जाए। 32 लाख 86 हजार आवास रहित लोगों का सर्वे कराया गया है, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास के लिए स्वीकृति दी जाए। इसके लिए राशि भी स्वीकृत की जाए।