सीएम नीतीश ने आगाह किया, होलिका दहन और शब-ए-बरात एक ही दिन, विशेष निगरानी जरूरी
सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज विधि-व्यवस्था व मद्य निषेध से संबंधित उच्चस्तरीय बैठक हुई। कहा आपस में विवाद पैदा कराने वालों की खैर नहीं पुलिस की विशेष नजर रहेगी। शराब माफिया को पकड़ने के लिए दीं ये सख्त हिदायतें ।
पटना, राज्य ब्यूरो । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को यह निर्देश दिया कि आपस में विवाद पैदा कराने वालों पर पुलिस विशेष नजर रखे। कहा कि होलिका दहन और शब-ए-बरात एक ही दिन है इसे लेकर विशेष निगरानी जरूरी है। जनता के बीच जागृति का भाव पैदा करना है। बड़े शहरों में शराब माफिया को पकडऩे को ले विशेष अभियान चलाएं। कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति हो, अमीर हो या फिर प्रभावशाली, किसी को छोडऩा नहीं है। पूरी सख्ती के साथ ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री आवास में विधि-व्यवस्था और मद्य निषेध को केंद्र में रख हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने यह बात कही। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, डीजीपी एसके सिंघल, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद व मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार कई आला पुलिस अधिकारी मौजूद थे। सभी जिलों के डीएम-एसपी, क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी व प्रमंडलीय आयुक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल थे।
जमीन विवाद के समाधान के आंकड़े को भी देखें
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद के समाधान को लेकर अनुमंडलों के अधिकारी महीने में दो बार हर हाल में बैठक करें। एक बार डीएम और एसपी के स्तर पर निश्चित रूप से बैठक हो। इस दौरान कितने विवादों का समाधान हुआ और किस तरह के मुद्दे थे, इन सबकी रिपोर्ट मुख्यालय मंगाकर भी उसका आकलन करें। अपराध के 60 फीसद मामले भूमि विवाद या फिर आपस में संपत्ति को लेकर होते हैैं। भूमि विवादों के समाधान से अपराध की घटनाओं में कमी आएगी।
होली को लेकर और अधिक सतर्क रहें
मुख्यमंत्री ने होली को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत दी। कहा कि शराब पीने और पिलाने वाले तत्वों पर विशेष नजर रखें। देसी-विदेशी शराब के धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी करें। सुनिश्चित करें कि जिला स्तरीय मॉनीटरिंग सेल की बैठक नियमित हो।
कोरोना को लेकर भी सजग रहने को कहा
म ख्यमंत्री ने कहा कि कई देशों एवं देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैैं। बिहार में भी संख्या बढ़ रही है। इसे देखते हुए जहां तक संभव हो लोग घरों में रहें। सीमित संख्या में ही सार्वजनिक आयोजनों में भाग लें।