बिहार: CM नीतीश पहुंचे चंपारण, वाल्मीकिनगर में किया ईको पार्क का उद्घाटन
CM Nitish Kumar to visit four districts in Bihar सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर यात्रा पर निकले। लेकिन चार जिलों का यी दाैरा रद करना पड़ा है।
पश्चिम चंपारण [जेएनएन]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जलवायु में बड़ा बदलाव दिख रहा है। बेमौसम बारिश और कड़ाके की धूप शुभ संकेत नहीं है। गुरुवार को गुरुनानक देव जी की जयंती पर पंजाब गया था। वहां असमय बारिश देखी। सड़कें पानी से लबालब थीं। यह पर्यावरणीय परिवर्तन बिहार में नहीं आए, इसके लिए जल जीवन हरियाली अभियान चालू किया है। बिहार को पंजाब और हरियाणा की तरह जलवायु संकट से जूझने नहीं देंगे।
दो दिवसीय पश्चिम चंपारण दौरे के पहले दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च विद्यालय रमपुरवा, मैनाटांड़ में 307 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इसके बाद जनसभा को संबोधित किया। फिर वाल्मीकिनगर में ईको पार्क और गंडक बराज के जलाशय में नौकायन का उद्घाटन किया। लेकिन शनिवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या विवाद पर संभावित फैसले के मद्देनजर देर रात उन्होंने अपनी यात्रा रद कर दी। वे शनिवार की सुबह पटना लौट रहे हैं।
किसी भी यात्रा की शुरुआत चंपारण से
रमपुरवा की सभा में नीतीश ने चंपारण के ऐतिहसिक महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी यात्रा की शुरुआत चंपारण से करते हैं। वह यात्रा अपने उद्देश्य को पूरा करती है। इसलिए जल्द ही पर्यावरण की रक्षा के लिए चलाए गए अभियान जल जीवन हरियाली की समीक्षा के लिए भी यात्रा आरंभ करेंगे इसकी शुरुआत चंपारण से ही होगी। जल जीवन हरियाली अभियान में 11 कार्यों को जोड़ा गया है। इसमें जलस्तर को बचाना है। पुराने और मृतप्राय हो चुके जलाशयों का जीर्णोद्धार होगा। यात्रा के दौरान सरकारी स्तर पर किए गए प्रयासों की समीक्षा होगी। बिहार के आठ-दस जिलों में जाएंगे। इसमें चंपारण पहला जिला होगा।
पुआल जलाना खतरे से खाली नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब व हरियाणा में किसान पुआल में आग लगा देते हैं। बिहार में भी कई जगहों से ऐसी शिकायतें मिल रही हैं। यह गलत बात है। इसका नुकसान पर्यावरण पर होगा। आपका खेत भी बंजर हो जाएगा। कंबाइंड हार्वेस्टर का उपयोग करना बंद कीजिए। रोटरी मल्चर का उपयोग कीजिए। कृषि विभाग की ओर से फसल काटने के लिए मशीन लाई गई है। इस पर 75 फीसद अनुदान देंगे। अजजा के लिए 80 फीसद अनुदान की व्यवस्था है। पुआल के धुआं से बीमारी होती हैं, इससे बचिए।
बिहार में सात हजार मेगावट बिजली की खपत
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में बिहार में 700 मेगावाट बिजली की खपत थी। अभी 7500 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। बिहार की जनता से वादा किया था कि हर घर में बिजली पहुंचा देंगे, इसे पूरा कर दिया। लेकिन, अक्षय ऊर्जा का उपयोग अनिवार्य है। इसके उपयोग से खर्च कम होगा। अभी बिजली खरीद कर दी जा रही है। इसलिए सौर ऊर्जा का उपयोग सबको करना चाहिए।
2020 के बाद पूरा करेंगे स्मार्ट गांव का सपना
आगामी विधानसभा चुनाव के नतीजे पर स्मार्ट गांव की परिकल्पना निर्भर है। अभी गांवों को मुख्य सड़क से जोडऩे का काम चल रहा है। बिहार के सभी गांव लगभग मुख्य सड़कों से जुड़ चुके हैं। कुछेक बाकी हैं। उसकी योजना स्वीकृत है, इस काम चल रहा है। गांवों को स्मार्ट गांव बनाने का कार्य 2020 के विस चुनाव के बाद आरंभ होगा। अगर आपने मौका दिया तो गांवों की सभी सड़कें पक्की होंगी। गांवों में शहर जैसी सुविधाएं बहाल हो जाएंगी।
ईको पर्यटन स्थल के रूप में होगी वाल्मीकिनगर की पहचान
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा देश में ईको टूरिज्म के लिए वाल्मीकिनगर में पहचाना जाएगा। कहा कि देश में ऐसी चुनिंदा जगहें हैं, जहां एक तरफ पहाड़ और दूसरी तरफ नदी बह रही। बीच में जंगल कौतूहल बढ़ाता है। सरकार वाल्मीकिनगर को पर्यटन के हब के रूप में विकसित करने की योजना पर वर्षों से काम कर रही है। इसके तहत यहां बहुद्देशीय बांध और ईको पार्क का निर्माण कराया गया है। सिंचाई विभाग ने इस पार्क का निर्माण कराया है। अब इसे वन विभाग को सिपुर्द कर दिया जाएगा। आवश्यकतानुसार जंगल की जमीन को अधिगृहित कर पार्क का दायरा भी बढ़ाया जाएगा।
बाघों की बढ़ रही संख्या से गदगद
सीएम ने कहा कि हमने बिहार में वन एवं पर्यावरण को समृद्ध करने के लिए बीते कुछ वर्षों में काफी काम किया। इसका परिणाम है कि वीटीआर में बाघों की संख्या बढ़ रही है। यह बिहार के लिए बल्कि बड़ी उपलब्धि भी। गंडक बराज के जलाशय में नौकायन का उद्घाटन के दौरान उप मुख्यमंत्री सह वन एवं पर्यावरण संरक्षण मंत्री सुशील मोदी व जल संसाधन मंत्री संजय झा भी रहे। वहीं ईको पार्क के उद्घाटन के बाद सीएम व डिप्टी सीएम ने पौधारोपण भी किया। इसके बाद सीएम जंगल सफारी पर निकले।