Move to Jagran APP

बिहार में बाढ से मचा हाहाकार पर सीएम नीतीश ने सदन में दिया जवाब, हम पूरी तरह ALERT हैं

बिहार में बाढ़ से मचे हाहाकार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि बाढ़ से लोगों को हुए नुकसान की भरपायी करने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 12:38 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 10:02 PM (IST)
बिहार में बाढ से मचा हाहाकार पर सीएम नीतीश ने सदन में दिया जवाब, हम पूरी तरह ALERT हैं
बिहार में बाढ से मचा हाहाकार पर सीएम नीतीश ने सदन में दिया जवाब, हम पूरी तरह ALERT हैं

पटना, जेएनएन। बिहार में आई बाढ़ से मचे हाहाकार के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सदन में बाढ़ की ताजा स्थिति पर वक्तव्य दिया और सरकार द्वारा अबतक किए गए कार्यों से सदन को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बाढ़ की आपदा से पीडि़त लोगों को तत्परता के साथ हर संभव सहायता मुहैया कराई जा रही है। सभी जिलाधिकारियों को पूरी मुस्तैदी से राहत एवं बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी जुलाई में ही बाढ़ की गंभीर स्थिति है। विगत वर्षों के अनुभव के आधार पर कह सकते हैं कि प्रदेश में सामान्यत: अगस्त महीने में बाढ़ आती है, परन्तु स्थिति से निपटने की हमारी तैयारी पूरी है। हम पूरी तरह अलर्ट हैं। 

loksabha election banner

नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ से प्रदेश के 12 जिलों के 78 प्रखंडों में स्थित 555 पंचायत प्रभावित हैं। 25,71,600 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रभावित जिलों में शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार एवं पूर्णिया शामिल हैं। अबतक 25 लोगों की मृत्यु हुई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फिलहाल 199 राहत शिविर खोले गए हैं, जिनमें 1,16,653 लोग रह रहे हैं। 676 सामुदायिक रसोईघर की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है। जरूरत पडऩे पर और भी राहत शिविर खोले जाएंगे। आवश्यक दवा जैसे हैलोजन टैबलेट, ओआरएस पैकेट, डायरिया की दवा, ब्लीचिंग पाउडर का वितरण प्रभावित लोगों के बीच किया जा रहा है। पशुओं के लिए दवा एवं चारा की भी समुचित व्यवस्था का निर्देश दिया गया है। 

अबतक 1.25 लाख लोगों को निकाला गया सुरक्षित
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए 796 मानव तथा 125 मोटरबोट के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 टुकडिय़ां तैनात की गई हैं। इनके द्वारा अबतक 1.25 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला गया है। सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया(स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिज्योर) बनाई गई है, जिसमें बाढ़ के समय तथा बाढ़ समाप्ति के बाद किए जाने वाले कार्यों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। राहत कार्यों में कोई कठिनाई न हो इसके लिए वित्तीय नियमों को सरल किया गया है। वित्तीय शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया गया है। प्रत्येक जिला में तथा मुख्यालय में इमरजेंसी आपरेशन सेंटर की स्थापना की गई है। यह सेंटर 15 जून से ही सभी जगहों पर कार्यरत है। 

विपक्ष भी परोक्ष रूप से साधा निशाना
विपक्ष पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने सवाल किया कि पहले राहत संबंधी कितने कार्य चलाए जाते थे? उन्होंने कहा कि 2007 से लगातार बेहतर तरीके से राहत कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2017 में 'फ्लैश फ्लड' से तबाही हुई थी और इस बार भी फ्लैश फ्लड आया है। विगत तीन चार दिनों से नेपाल के तराई इलाकों में औसतन 50 मिलीमीटर की तुलना में 280-300 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इससे नेपाल से निकलने वाली कई नदियों- कमलाबालान, बागमती, लालबेकिया, अधवारा समूह की नदियां कोशी, परमान, बकरा, कनकई और महानंदा में अधिक जलश्राव के कारण फ्लैश फ्लड जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है। 

मैंने खुद हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया

मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 जुलाई को मैंने जल संसाधन मंत्री, मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ दरभंगा के रसियारी, घनश्यामपुर, मधुबनी के झंझारपुर, नरूवार, जयनगर, सीतामढ़ी के रीगा, ढेंग, बैरगनिया, पूर्वी चंपारण के बेलवा तथा शिवहर के पिपराही बाजपटटी के साथ-साथ इन जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का करीब ढाई घंटे तक हवाई सर्वेक्षण किया है। 15 जुलाई को अररिया जिला के अररिया, फारबिसगंज, सिकटी, कुरसाकांटा, पलासी, जोकिहाट, किशनगंज के ठाकुरगंज, कोचाधामन, टेढ़ागाछ, पूर्णिया के बैसा, बायसी, अमौर एवं कटिहार के बलरामपुर का चार घंटे तक हवाई सर्वेक्षण किया।

राहत कार्यों की हुई विस्‍तृत समीक्षा

हवाई सर्वेक्षण के बाद पूर्णिया के चूनापुर हवाई अड्डा पर अधिकारियों के साथ राहत कार्यों की विस्तृत समीक्षा भी की। लौटते वक्त मैंने कोसी नदी में आई बाढ़ से प्रभावित सुपौल, सहरसा के इलाकों तथा एक बार फिर दरभंगा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने विभिन्न नदियों के मौजूदा जल स्तर के संबंध में भी सदन को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बहुत सारे जिले सूखे की स्थिति झेल रहे हैं। हम पूरी तरह से सतर्क हैं। फसल नुकसान होने पर इनपुट सब्सिडी और जानवरों की मौत पर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने सदस्यों से अपील की कि एकजुट होकर संवेदनशीलता के साथ आपदा से निपटने में सहयोग करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.