सीएम नीतीश ने राबड़ी को कहा- आप तो हमारी भाभी हैं आपको हम कुछ नहीं बोल सकते
सीएम नीतीश कुमार ने विधान परिषद् में बुधवार को राबड़ी देवी के तीखे हमलों का जवाब देते हुए कहा कि आप तो हमारी भाभी हैं हम आपको कैसे कुछ कह सकते हैं। इसके बाद माहौल खुशनुमा हो गया।
पटना, जेएनएन। बुधवार को बिहार विधान परिषद में विपक्ष के तीखे हमलों के बीच माहौल तब खुशनुमा बन गया जब सीएम नीतीश कुमार ने कानून व्यवस्था को लेकर हमला बोल रहीं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से कहा कि आप तो हमारी भाभी हैं आपको हम कुछ नहीं बोल सकते हैं।' सीएम नीतीश कुमार ने जब वाक्य कहा तो बिहार विधान परिषद में विपक्ष के तल्ख हमलों के बीच खुशनुमा माहौल बन गया।
दरअसल विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी नीतीश सरकार पर काफी तीखे हमले कर रही थीं और मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में सरकार की संदिग्ध भूमिका के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर वह हमले पर हमला किए जा रही थीं।
इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सधे अंदाज में जवाब दिया और राजद सरकार की कमियों को गिनाते हुए अंत में राबड़ी देवी से कहा कि आप हमारी भाभी हैं, आपको हम कुछ नहीं बोल सकते हैं।
राबड़ी देवी ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य में सरकार नहीं चल रही है। महिलाओं की इज्जत सुरक्षित नहीं है। कानून- व्यवस्था नाम की चीज नहीं है। जल-नल में घोटाला है, शिक्षा में घोटाला है। स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से ध्वस्त है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक बोल रही हूं। मीडिया रोज दिखा रहा है, यदि झूठ है तो मीडिया पर कार्रवाई हो।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद सरकार के वक्त को याद दिलाते हुए कहा कि पहले पुलिस बल की औसत आयु 38 साल थी, इसके बाद हमलोगों ने सैप का गठन किया और इससे संगठित अपराध को रोकने में सफलता पाई है।
महात्मा गांधी का नाम ले नीतीश ने लालू पर साधा निशाना
वहीं, कल नीतीश कुमार के निशाने पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी थे। नीतीश ने कहा कि अगर लोग बापू के विचारों को अपने जीवन में उतारेंगे तो वो कोई गलत कदम नहीं उठाएंगे। नीतीश कुमार के इस बयान का जेडीयू और बीजेपी के नेताओं ने भी स्वागत किया है।
दूसरी ओर, राजद ने नीतीश के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि पहले वो अपने जीवन में महात्मा गांधी के विचारों को ईमानदारी पूर्वक उतार लें फिर दूसरे को नसीहत दें।