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बिहार में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर तेजस्‍वी से मिले CM नीतीश के सुर, दो-फाड़ दिख रहे BJP व JDU

Bihar Assembly Monsoon Session बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में जातिगत जनगणना का मामला गरमाएगा यह मय है। खास बात यह है कि इस मामले में सत्‍ताधारी जेडीयू के सुर बीजेपी से अलग तथा आरजेडी के साथ मिलते दिख रहे हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 02:34 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 02:35 PM (IST)
बिहार में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर तेजस्‍वी से मिले CM नीतीश के सुर, दो-फाड़ दिख रहे BJP व JDU
नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव एवं मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल तस्‍वीर।

पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। बिहार विधानसभा के मानसून सत्र (Bihar Assembly Monsoon Session) के पहले दिन से ही जातिगत जनगणना (Caste Census) जैसे अहम मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सुर अलग-अलग दिख रहे हैं। दोनों अपने-अपने स्टैंड पर कायम हैं। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) एवं मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के स्‍टैंड एक हो गए हैं। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले सोमवार को बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर ने स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी जातिगत जनगणना के पक्ष में नहीं है और इसे किसी भी हाल में नहीं होने देगी। इससे समाज में फासला बढ़ेगा और सद्भाव खत्म होगा। कोई व्यवस्था अगर पहले से बनी हुई है तो उसमें बदलाव का सवाल ही पैदा नहीं होता है। उधर, मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (PM Narendra Modi Government) से इस मामले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है।

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जातिगत जनगणना के पक्ष में जेडीयू

हरिभूषण ठाकुर का यह बयान वैसे वक्त में आया है, जब बिहार बीजेपी के बड़े नेताओं ने इस संवेदनशील मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। दूसरी ओर जेडीयू ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह जातिगत जनगणना के पक्ष में है। दिल्ली में 31 जुलाई को होने वाली जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह इस पर दोबारा विचार करे।

दशक भर से बनता आया चुनावी मुद्दा

बिहार में जातिगत जनगणना दशक भर पहले से ही चुनावी मुद्दा बनता आया है। नीतीश कुमार शुरू से ही इसके पक्ष में हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने भी इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। हाल में लोकसभा (Lok Shabha) में केंद्र सरकार की ओर से राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) के जवाब के बाद बिहार में इस मुद्दे पर सर्वाधिक चर्चा हो रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने तो राज्य सरकार को अपने खर्च पर जातिगत जनगणना कराने की सलाह दे डाली है।

मानसून सत्र में मुद्दे का गरमाना तय

मानसून सत्र में आगे इस मुद्दे के और जोर पकड़ने के आसार हैं। इससे सत्ता पक्ष के दोनों बड़े दलों में समन्वय का संकट खड़ा हो सकता है। ऐसे में विपक्ष की भी कोशिश इस मुद्दे को हवा देने की होगी।


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