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सदन में सड़क जैसी मारपीट पर सीएम नीतीश ने जताई निराशा, कहा- बिल को पढ़े बगैर अफवाह फैलाया गया

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 पर राजद सहित विपक्षी नेताओं ने जमकर हंगामा किया। यहां तक कि सदन में पहली बार पुलिस बुलानी पड़ी। इसपर सीएम ने कहा कि विपक्ष बहस करता तो सरकार जवाब देती । विधानसभा में खड़े होकर जो कराया गया वैसा पहले कभी नहीं हुआ

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 09:53 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 06:06 AM (IST)
सदन में सड़क जैसी मारपीट पर सीएम नीतीश ने जताई निराशा, कहा-  बिल को पढ़े बगैर अफवाह फैलाया गया
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि बिल को पढ़े बगैर इसके बारे में अफवाह फैलायी जा रही है। बीएमपी का नाम बदलकर बिहार सशस्त्र पुलिस बल किया गया हैै। अपराध को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कार्रवाई करेगी। विधानसभा में आज खड़े होकर जो कराया गया वैसा पहले कभी नहीं हुआ। विधानसभा में इस तरह की घटना पहली बार हुई।

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नए विधायकों को ट्रेनिंग की जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते थे कि विपक्ष इस चर्चा में हिस्सा ले। वह बहस में हिस्सा लेते तो उन्हें पूरी बात बतायी जाती। मगर विपक्ष ने सदन की कार्यवाही ही पूरी तरह से ठप कराने की कोशिश की। अलोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया। अपराध को नियंत्रित करने का जो काम पुलिस का है वह करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो गलत करेंगे उन पर कार्रवाई भी होगी। विधेयक में इस बात का भी जिक्र है। नए विधायकों को यह मालूम होना चाहिए कि सदन में किस तरह से रहना है।  नए विधायकों को ट्रेनिंग की जरूरत है।

बिल के विरोध में जबरदस्‍त हंगामा, बुलानी पड़ी पुलिस

 बिहार विधानसभा में मंगलवार को पेश सशस्त्र पुलिस बल विधेयक-2021 को लेकर जो हंगामा और उपद्रव हुआ, उसे शांत करने के लिए आखिरकार पुलिस को बुलाना पड़ा। किसी भी स्थिति में विधेयक को पास होने से रोकने की जिद पर अड़े विपक्षी विधायकों को हटाने के लिए कुछ पुलिस वालों ने लात-मुक्के चलाए। धक्का मारकर और टांगकर उन्हें बाहर निकाला। स्पीकर की कुर्सी घेरकर खड़ी विपक्ष की महिला विधायकों को भी टांगकर और धक्का मारकर निकालना पड़ा। विधानसभा के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ था। पहली बार बिहार पुलिस और दंगा निरोधी बल को विधानसभा की कार्यवाही के संचालन के लिए बुलाया गया।  

पुलिस ने विधायकों को मारे लात और थप्‍पड़

पहले राजद, कांग्रेस समेत विपक्ष के विधायकों ने सदन और भवन के गलियारों में जमकर उपद्रव किया। बात इतनी बढ़ गई कि पटना के डीएम और एसपी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल विधानसभा भवन पहुंचा। विधायकों को थप्पड़ और लात मारते पुलिस वालों के वीडियो दनादन दिखने लगे। इस मल्ल युद्ध जैसे हालात के बीच शाम साढ़े सात बजे बिहार सशस्त्र पुलिस बल विधेयक (2021) पास हो गया। जबरन निकाले गए विधायकों के अलावा जो सदन में विपक्ष के जो सदस्य बचे रहे गए थे, उन्होंने वाकआउट किया। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि उपद्रव करने वाले विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। विधानसभा में हुए इस शर्मनाक घटनाक्रम के बाद पक्ष और विपक्ष में तीखी बयानबाजी चलती रही।


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