नीतीश की दो टूक: NDA में अपनी शर्तों पर करते काम, छोड़ी नहीं विशेष राज्य दर्जे की मांग
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि वे राजग में अपनी शर्तों पर हैं। उन्होंने राज्य को विशेष राज्य दर्जे की मांग को छोड़ा नहीं है। क्या है मामला, जानिए।
पटना [राज्य ब्यूरो]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ तौर कहा बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग उन्होंने छोड़ी नहीं है। प्रदेश के हित में विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर आज भी कायम हैं। लालू प्रसाद यादव या तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना उन्होंने राजद पर तंज कसा कि जो लोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए चिंता नहीं करते थे, वे विशेष राज्य का दर्जा देने की चर्चा करने लगे हैं। ऐसे लोग मुगालते में नहीं रहें। बिहार के हित में अपनी ताकत से केंद्र के समक्ष यह मांग उठाते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे राजग में जरूर हैं, लेकिन अपनी शर्तों पर काम करते हैं।
रोज-रोज नहीं करता एक ही बात
उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर मैं रोज-रोज बात करना उचित नहीं समझता। इस बार फिर 15वें वित्त आयोग में विशेष राज्य का दर्जा के लिए मांग मजबूती से करेंगे। हम तो चाहेंगे कि सभी दलों की ओर से यह मांग होनी चाहिए। इसके लिए सामूहिक चर्चा भी हो।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में जब हमारी सरकार बनी तब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। 2006 में विधानसभा में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर विशेष चर्चा हुई और प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग नई है।
एलायंस में अपनी शर्तों पर करते काम
उन्होंने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के इस बयान कि भाजपा को अल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान रखना चाहिए, का समर्थन करते हुए कहा कि रामविलास जी बिना सोचे-समझे बोलेंगे क्या? हम गठबंधन में रहते हुए अल्पसंख्यकों से जुड़े मसलों पर कोई समझौता नहीं करेंगे। हम एलांयस में जरूर है, लेकिन अपनी शर्तों पर काम करते हैं। यह देश प्रेम, सहिष्णु और सद्भाव से आगे बढ़ेगा।