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बिहार में कैबिनेट विस्‍तार के बहाने चिराग पासवान को कंट्राेल करेंगे CM नीतीश, चर्चा में JDU के कई नाम व समीकरण

बिहार की एनडीए सरकार का कैबिनेट विस्‍तार कभी भी हो सकता है। माना जा रहा है कि इसके माध्‍यम से मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार एलजेपी अध्‍यक्ष चिराग पासवान पर भी लगाम लगाने की कोशिश कर सकते हैं। कैबिनेट विस्‍तार के लिए जेडीयू के कई नाम व समीकरण चर्चा में हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 01:35 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 01:51 PM (IST)
बिहार में कैबिनेट विस्‍तार के बहाने चिराग पासवान को कंट्राेल करेंगे CM नीतीश, चर्चा में JDU के कई नाम व समीकरण
बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की फाइल तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूूरो। राज्य मंत्रिमंडल विस्तार की तेज हुई चर्चा के बीच जनता दल यूनाइटेड कोटे के जिन संभावित मंत्रियों के नाम की चर्चा सियासी गलियारे में है, उनमें हर के साथ कोई न कोई समीकरण चल रहा है। बाहर से चुनाव के बाद जेडीयू में आए नेताओं के नाम इस तरह से चल रहे हैं कि कई पुराने दिग्गजों को अपना नाम तय कराने में मुश्किल हो रही है। बाहर से आए लोगों को महत्व दिए जाने का भी एंगल बताया जा रहा है। खास बात यह भी है कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार मंत्रिमंडल विस्‍तार के बहाने लोक जनशक्ति पार्टी के अध्‍यक्ष चिराग पासवान को उनके गढ़ जमुई में ही घेरने की कोशिश कर सकते हैं। जमुई में चिराग की काट में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे सुमित सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है।

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जमुई में चिराग पासवान की काट बनेंगे सुमित सिंह

निर्दलीय विधायक सुमित सिंह के मंत्री बनाए जाने की चर्चा के पीछे दो एंगल चल रहे हैं। सुमित सिंह पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र हैं। नीतीश कुमार की सरकार में वे मंत्री रहे हैं। बीच में जीतन राम मांझी के साथ चले गए थे। सुमित सिंह के मंत्री बनने से नरेंद्र सिंह को भी फिर से जोड़ना संभव हो सकेगा। जातिगत समीकरण के लिहाज से भी सुमित सिंह का गणित है। लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान जमुई के सांसद है और पारंपरिक रूप से जमुई नरेंद्र सिंह के गढ़ के रूप में जाना जाता है। सुमित सिंह के मंत्री बनने से जेडीयू में सुमित की जाति से आने वाले विधायक को अपने लिए मंत्री पद तय कराने में काफी परेशानी होगी। इसका फायदा उस इलाके की एक महिला विधायक को मिल सकता है।

जमा खान के बहाने अल्‍पसंख्‍यकों पर डोरे

बहुजन समाज पार्टी से जेडीयू में आए विधायक जमां खान के भी मंत्री बनने की चर्चा है। इसके पीछे यह एंगल है कि विधानसभा चुनाव में जेडीयू के टिकट पर किसी भी अल्पसंख्यक प्रत्याशी को सफलता नहीं मिली। विधान परिषद में जेडीयू के कई अल्पसंख्यक विधान पार्षद हैं। जेडीयू ने यह बताना उचित समझा है कि अल्पसंख्यकों का उसके लिए यह महत्व है कि वह बाहर से उस समाज के लोगों को लाकर मंत्री बना सकता है। बाहर के लोगों के लिए यह संदेश भी देने की कोशिश होगी कि जो आएंगे उनका स्वागत होगा।

संजय झा के साथ मिथिलांचल का समीकरण

नीतीश कुमार के करीबी रहे विधान पार्षद संजय झा के भी मंत्री बनने की भी चर्चा है। संजय झा के बहाने मिथिलांचल के ब्राह्मणों को खुश करने की कोशिश होगी। पूर्व में मिथिलांचल से आयीं शीला मंडल को मंत्री बनाया गया था। वे अति पिछड़ा समाज से आती हैं। संजय झा ने जेडीयू को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

चर्चा में कई पुराने चेहरे, ये भी हैं रेस में

पुराने मंत्रियों में श्रवण कुमार का नाम भी चर्चा में है। वे पूर्व की सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहे हैं। महेश्वर हजारी का नाम भी लिया जा रहा है। बीमा भारती को भी फिर से मंत्री पद मिलने के आसार हैं। नए चेहरों में भोरे से चुनकर आए सुनील कुमार भी शामिल हैं।


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