सीएम नीतीश कुमार की राह पर चले आंध्र के CM जगन मोहन रेड्डी, किया था महिलाओं से वादा
शराबबंदी के मामले में पड़ोसी राज्यों ने कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपील को तव्वजो नहीं दी। लेकिन आंध्र प्रदेश धीरे-धीरे ही सही शराबबंदी के रास्ते पर चल पड़ा है।
पटना, राज्य ब्यूरो। शराबबंदी के मामले में पड़ोसी राज्यों ने कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपील को तव्वजो नहीं दी। लेकिन, आंध्र प्रदेश धीरे-धीरे ही सही शराबबंदी के रास्ते पर चल पड़ा है। मुख्यमंत्री जगन माेहन रेड्डी की पहल पर मंगलवार से वहां निजी ठेके बंद हो गए हैं। फिलहाल राज्य सरकार ही शराब बेचेगी। दुकानों की संख्या कम कर दी गई है। पहले इनकी संख्या करीब 4400 थी। अब साढ़े तीन हजार रह गई है।
शराब की अवैध दुकानें पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं। अवैध दुकानों की संख्या 43 हजार थीं। इन्हें लाइसेंसधारकों ने ब्रांच की तरह खोल रखा था। अवैध दुकानों को बंद करने के सिलसिले में 3000 लोग जेल भेज दिए गए हैं। आंध्रप्रदेश ने 2024 तक पूर्ण शराबबंदी का लक्ष्य रखा है।
बिहार से जगन मोहन रेडडी के फैसले को इसलिए भी जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ही विधानसभा चुनाव में उनके रणनीतिकार थे। संयोग से किशोर ने 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू के लिए भी रणनीति बनाई थी। उसी चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की थी। हालांकि बिहार में शराबबंदी की योजना से जुड़े लोगों का कहना है कि इसमें पीके की कोई भूमिका नहीं थी और जदयू की टीम में उनके शामिल होने से पहले ही नीतीश ने इस कड़े फैसले को लागू करने का मन बना लिया था।
आंध्र प्रदेश की मीडिया में आ रही खबरों में बताया जा रहा है कि नीतीश की तरह रेड्डी ने भी विधानसभा चुनाव की तैयारी के समय ही शराबबंदी का वादा जनता से किया था। आंध्र के ग्रामीण इलाके की पदयात्रा के दौरान जगन ने महिलाओं से चरणबद्ध ढंग से शराबबंदी का वादा किया था, क्योंकि जगन मोहन रेड्डी भी मानते हैं कि महिलाएं और बच्चे शराब के सबसे बुरे शिकार हैं।