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मुख्यमंत्री नीतीश के फैसले के साथ खड़े हुए चिराग पासवान, मांझी की मांग को किया खारिज

बिहार में शराबबंदी को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून को लेकर सरकार की मुश्किलों को बढ़ाने वाला बयान दिया है तो चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले के साथ खड़े दिख रहे हैं।

By Rahul KumarEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 04:06 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 04:06 PM (IST)
सांसद चिराग पासवान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव

पटना, आनलाइन डेस्क। बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) कानून को सख्ती से लागू करने के लिए लगातार कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार( Nitish Kumar) की समीक्षा बैठक के बाद प्रशासन एक्टिव मोड में है। लगातार छापेमारी अभियान चलाकर शराब तस्करों की नकेल कसी जा रही है। लेकिन इसके साथ ही शराबबंदी को लेकर बिहार में सियासत भी जारी है। नीतीश सरकार में शामिल हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jiatan Ram Manjhi) ने ही शराबबंदी पर सवाल उठा दिया है। मांझी ने शराबबंदी के फैसले पर समीक्षा करने की बात कही है। मांझी के इस बयान पर लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) के अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया दी है। चिराग पासवान (Chirag Paswan)ने सीएम नीतीश कुमार के फैसले का समर्थन करते हुए बिहार में शराबबंदी लागू रहने की बात कही है।

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बिहार में जारी रहे शराबबंदी- चिराग

चिराग पासवान ने बिहार में शराबबदी कानून को लागू रखने की बात कही है। उन्होंने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिहार जैसे राज्य में शराबबंदी लागू रहनी चाहिए। राज्य में शिक्षा का बहुत अभाव है।यहां बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है कि नशीले पदार्थों से क्या-क्या नुकसान हो सकता है। इसलिए बिहार में शराबबंदी कानून लागू रहनी चाहिए। चिराग पासवान ने कहा कि शराबबंदी कानून की समीक्षा के पक्ष में मैं नहीं हूं। 

केवल शपथ से नहीं चलेगा काम- चिराग

चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में अब भी जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है। बिहार विधानसभा परिसर में शराब की बोतलें मिल रही हैं। उन्होंने कह कि केवल शपथ कराने से काम नहीं चलेगा। पांच साल बाद भी शराबबंदी कानून राज्य में सफल नहीं हो पाई। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार निचले पायदान पर है। उन्होंने कहा कि इन सब के पीछे कारण ये है कि सरकार किसी कानून को जमीनी स्तर पर लागू नहीं कर पाई। 


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