बाल दिवसः पटना के इन नन्हे सितारों की जिंदगी देती है सीख, करनी चाहिए सपने देखने की जुर्रत Patna News
बॉलीवुड में पटना की किलकारी संस्था से जुड़े कई बच्चे अपना परचम लहरा रहे हैं। इनकी जिंदगी हौसला देती है। आइए जानते हैं इन नन्हे सितारों के बारे में।
पटना, जेएनएन। इन नन्हे सितारों ने कम समय में इतना कुछ देखा और किया कि इनकी जिंदगी हौसला देती है। जिन बच्चों ने कभी मल्टीप्लेक्स में फिल्म नहीं देखी थी, आज वे खुद बॉलीवुड फिल्मों में अभिनय फिल्मी पर्दे की चमक बढ़ा रहा हैं। किसी के पिता चाट-गोलगप्पा बेचते हैं, तो किसी के पिता राजमिस्त्री हैं। इन नन्हें सितारों को पंख दिए हैं पटना की संस्था ‘किलकारी’ ने।
‘सुपर-30’ में 15 बच्चों ने किया अभिनय
इन बच्चों की कहानी सीख देती है कि सपने देखने की जुर्रत करनी चाहिए। रितिक रोशन की फिल्म ‘सुपर-30’ में किलकारी संस्था के 15 बच्चों ने अभिनय किया। इसमें अमृतराज, अश्विनी, प्रेम रंजन, कृष्णा, मनीष, नवीन, नेहा, विनोद, विकास, प्रिंस राज, सनी, रोशन राज, सूरज प्रकाश, घनश्याम, मानसी शामिल हैं।
घनश्याम कहते हैं, उनके पिता राजेंद्र बनारसी भूंजा की दुकान चलाते हैं। इसी दुकान से घर-परिवार चलता है। अभिनय में रुचि थी। किलकारी के बारे में पता चला। वहां महज 10 रुपये में एडमिशन हो गया। संगत मिली तो अभिनय निखरने लगा। पटना में ‘सुपर-30’ के ऑडिशन में चुना गया और फिर एक महीने मुंबई जाकर शूटिंग की।
कुछ ऐसी ही कहानी अश्विनी की भी है, उनके पिता फ्रिज की मरम्मत करते हैं। वह भी किलकारी के छात्र हैं। इसी तरह चांदनी को फिल्म ‘मांझी-द माउंटेनमैन’ में काम करने का मौका मिला। फिल्म में वह मांझी की बेटी बनीं थीं। चांदनी के पिता अशोक प्रसाद चाट-गोलगप्पा का ठेला लगाते हैं। वह सात साल की उम्र से किलकारी में क्लास करने जाती थी। ‘द कपिल शर्मा शो’ में खजूर का किरदार निभाने वाले कार्तिक राज भी किलकारी के छात्र थे। कार्तिक के पिता मोती प्रसाद राजमिस्त्री हैं।
आठ से 14 साल तक के बच्चों का 10 रुपये में होता है एडमिशन
‘किलकारी’ बिहार बाल भवन राज्य के शिक्षा विभाग के अंतर्गत चलने वाली संस्था है। यहां महज 10 रुपये में बच्चों का नामांकन होता है। जनवरी-फरवरी को छोड़कर बाकी किसी भी महीने में आठ से 14 साल तक के बच्चे यहां नामांकन ले सकते हैं। संस्था की प्रोग्राम अधिकारी अनिता ठाकुर कहती हैं, एक बार नामांकन होने के बाद कोई फीस नहीं लगती है।
नामांकन के दो माह तक एक्सपोजर क्लास चलती है, इसमें बच्चों को मूर्तिकला, चित्रकला, रंगमंच, फिल्म, आर्ट, क्राफ्ट, संगीत, वादन आदि विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से रूबरू कराया जाता है। इसके बाद बच्चे अपने रुचि अनुसार किसी एक विधा में फुल-टाइम कोर्स करते हैं। सोमवार के अतिरिक्त रोजाना सुबह से शाम तक क्लास चलती है। बच्चे अपनी सहूलियत के हिसाब से अपना समय चुन सकते हैं। किलकारी में बच्चों को हुनरमंद मनाने और अभिनय की बारिकियां सिखाने के लिए समय-समय पर नामी-गिरामी कलाकारों और फिल्मकारों से रूबरू कराया जाता है।