मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की 1723 स्वास्थ्य केंद्रों पर ई-संजीवनी सेवा का किया उद्घाटन, ऑनलाइन होंगी कई सुविधाएं
अब पास के स्वास्थ्य केंद्रों पर ही विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श उपलब्ध हो सकेगा। हर वक्त एंबुलेंस की रियल टाइम ट्रैकिंग संभव हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने जीविका दीदी रसोई सेवा का भी शुभारंभ किया। आशा वर्कर के नियिमत भुगतान के लिए भी पोर्टल को लांच किया।
पटना, राज्य ब्यूरो । सुदूर क्षेत्रों में रह रहे लोगों को भी अब अपने पास के स्वास्थ्य केंद्रों पर ही विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श उपलब्ध हो सकेगा। उन्हें दवा और किसी दूसरे अस्पताल में रेफर किए जाने की सुविधा भी मिल सकेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार (21 फरवरी) को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष से इस सेवा के लिए बने ई संजीवनी टेलीमेडिसिन सुविधा का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने स्वास्थ्य सेवाों से जुड़े कई डिजिटल सर्विसेस का भी उद्घाटन किया। संवाद कक्ष में आयोजित समारोह में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद थे।
स्वास्थ्य विभाग के लिए छुट्टी का दिन नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को स्वास्थ्य विभाग का यह आयोजन इस मायने में प्रतीकात्मक भी है कि स्वास्थ्य विभाग के लिए छुट्टी का कोई दिन नहीं होता। उन्होंने कहा कि ई संजीवनी टेलीमेडिसिन आने वाले समय में प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध होगी। यह कोई मामूली चीज नहीं है। सभी स्वाथ्य केंद्र, जिला व अनुमंडल अस्पताल को टेलीमेडिसीन की सुविधा से जोड़ देंगे। टेलीमेडिसीन के साथ-साथ दवाों का भी इंतजाम होगा। यह कोई मामली बात नहीं है। प्राइमरी हेल्थ सेंटर को छह बेड से तीस बेड वाले कम्यूनिटी सेंटर में विकसित किया जा रहा। अनुमंडल अस्पताल को भी बेहतर किया जा रहा है।
ऑनलाइल होगी सभी सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होगी। अधिकािरयों को उन्होंने यह परामर्श भी दिया कि इस तरह की उपलब्धियों की पूरी जानकारी इंटरनेट मीडिया पर भी उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एंबुलेंस सेवा की रियल टाइम मॉनीटरिंग से काफी सहूलियत होगी। जीविका दीदी की रसोई का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति में जो सुधार हुआ है उसमें जीविका दीदियों का काफी योगदान है। आशा कार्यकर्ता को समय पर भुगतान हो जाए इसके लिए आज एप भी शुरू हो गया है। नयी पीढ़ी को यह बताना चाहिए कि पहले बिहर में अस्पतालों का क्या हाल था और अब क्या है।