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Chhath Puja 2020: यहां की परंपराओं में रच-बस गईं हैं रूस की एलिना, सात समंदर पार से छठ करने आतीं हैं बिहार

Chhath न हिंदी और न ही अंग्रेजी समझती हैं पर संस्कृति और परंपराओं को निभाना बखूबी जानती हैं। छठ महापर्व की महत्ता वह समझती है। इसलिए सात समुंदर पार रसिया से एलिना अपने पति के साथ राजधानी के कंकड़बाग अपनी ससुराल सूर्य की उपासना करने पहुंची हैं।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 08:35 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 11:28 PM (IST)
Chhath Puja 2020: यहां की परंपराओं में रच-बस गईं हैं रूस की एलिना, सात समंदर पार से छठ करने आतीं हैं बिहार
महापर्व छठ के साथ रिश्‍तेदार के साथ एलिना। जागरण आर्काइव।

पटना, अंकिता भारद्वाज न हिंदी और न ही अंग्रेजी समझती हैं, पर संस्कृति और परंपराओं को निभाना बखूबी जानती हैं। छठ महापर्व की महत्ता वह समझती हैं। इसलिए सात समुंदर पार रसिया से एलिना अपने पति के साथ राजधानी के कंकड़बाग अपनी ससुराल सूर्य की उपासना करने पहुंची हैं। दूसरी बार 36 घंटे निर्जला व्रत रखकर महापर्व छठ पूजा करेंगी। कहती हैं, परंपरा निर्वहन करने में उन्हें काफी आनंद आता है।

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दो दिन तक रखती हैं निर्जला उपवास

वह कहती हैं, पहले छठ पर्व में सास की मदद के लिए हर साल रसिया से आती थीं। पिछले साल सास बीमार हो गईं तो उन्होंने खुद परंपरा निर्वहन करने का बीड़ा उठाया। इस बार भी छठ करने समय से ससुराल पहुंच गई हैं। घर के सभी सदस्यों के साथ मिलकर सफाई की। उसके बाद प्रसाद के लिए गेहूं को धोने-सुखाने, गुड़ व चावल का प्रसाद बनाना। विधि-विधान से सूर्यदेव की उपासना में जुट गईं हैं। बुधवार को नहाय-खाय और अगले दिन खरना करेंगी। हालांकि, जन्म से अभी तक उन्होंने कोई व्रत नहीं रखा। इसके बावजूद दो दिन तक निर्जला व्रत करने में कोई परेशानी नहीं होती है। व्रत के बाद वह स्वस्थ महसूस करती हैं। एलिना कहती हैं, उनके माता-पिता या फिर परिवार के अन्य सदस्य इस पर्व के बारे में कुछ भी नहीं जानते। इसके बाद भी उन्हें काफी खुशी है कि वे अपने घर की परंपरा को नहीं छूटने दे रहीं। 

छह वर्ष पहले हुई थी शादी

एलिना के पति अनिल बताते हैं, वह रसिया फिनलैंड के बॉर्डर स्थित फोडोपोका शहर में रियल स्टेट का व्यवसाय करते हैं। छह साल पहले उन्होंने रसियन मूल की लड़की एलिना से शादी की थी। तब से एलिना हर साल छठ पर्व पर अपनी सास की मदद के लिए पटना आती थी। प्रसाद बनाने से लेकर सूर्य को अघ्र्य देने तक पूरी आस्था के साथ सभी कार्य करती थी।

समझती हैं केवल रसियन भाषा

अनिल बताते हैं, एलिना हिंदी या अंग्रेजी भाषा नहीं समझती हैं। वे सिर्फ रसियन बोलती हैं। सास को विधि-विधान करते देख सब जान गईं। मेरी मां कुछ बोलती है तो मैं उसे रसियन भाषा में बता देता हूं। वह घर की परंपरा बखूबी निभा रही हैं।

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