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Chhath Puja 2020: कोरोना संक्रमण पर भारी पड़ी आस्‍था, ताक पर रही गाइडलाइन, गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़

Chhath Puja 2020 पटना में दानापुर से दीदारगंज के बीच 25 किलोमीटर तक में फैले कई गंगा घाटों पर लाखों व्रतियों ने अर्घ्‍य दिया। इन घाटों पर आस्था का जन-सैलाब उमड़ता दिखा। इस दौरान लोग कोरोना संक्रमण को लेकर लापरवाह दिखे।

By Amit AlokEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 09:52 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 01:58 PM (IST)
Chhath Puja 2020: कोरोना संक्रमण पर भारी पड़ी आस्‍था, ताक पर रही गाइडलाइन, गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़
पटना के एक घाट पर उमड़े छठ व्रती एवं श्रद्धालु। तस्‍वीर: जागरण।

पटना, जागरण संवाददाता। Chhath Puja 2020 कोराना संक्रमण पर आस्था भारी पड़ गई। वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने तथा वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं किए जाने के बाद भी गंगा घाटों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने दावा किया कि पिछले वर्ष की तुलना में 35 फीसदी कम लोग गंगा घाट पर अर्ध्‍य देने के लिए पहुंचे। प्रशासन की अपील पर 35 फीसदी लोग अपने घरों में अर्ध्‍य दिया। हालांकि, इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन को लेकर लापरवाही दिखी।

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गंगा के घाटों पर लाखों व्रतियों ने दिया अर्घ्‍य

पटना में दानापुर से दीदारगंज के बीच 25 किलोमीटर में गंगा घाटों पर लाखों व्रतियों ने अर्घ्‍य दिया। प्रमंडलीय आयुक्त ने दावा किया कि सुरक्षत ढ़ंग से छठ महापर्व संपन्न हो गया है। कम समय में भी जिला प्रशासन और नगर निगम गंगा घाटों को तैयार किया। जिलाधिकारी कुमार रवि भीड़ हटने तक घाटों पर कैम्प करते रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि कोराना संक्रमण की रोकथाम के लिए घाटों तक वाहनों के आने पर रोक लगा दी गई थी। किसी व्रती पर किसी तरह से परेशानी नहीं हुई। सुरक्षत ढ़ंग से लोग अर्घ्‍य देकर चले गए।

सूर्योदय से सुबह नौ बजे तक जारी रहा अर्घ्‍य

कलेक्ट्रेट और महेंद्रूघाट पर व्रतियों की भीड़ भववान भाष्कर के दर्शन के लिए जमी रही। लगभग 6.40 बजे सूर्यदेव ने दर्शन दिया। इसके बाद अर्घ्‍य में तेजी आ गई। सुबह नौ बजे तक अर्घ्‍य जारी रहा। हालांकि, कोरोना गाइडलाइन के तहत ढ़ाई गज की दूरी बनाकर अर्घ्‍य देना संभव नहीं हो पाया।

जगह-जगह मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस तैनात

मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस प्रशासन जगह-जगह तैनात रहे। व्रतियों को गंगा तट पर जाने में परेशानियां नहीं हुई। आसपास के लोग व्रत करने के लिए पहुंचे थे। इसे साथ दूर-दूर से लोग अपने वाहन, ठेला पर सवार होकर गांधी मैदान तक आए। गांधी मैदान में वाहनों का पार्किंग करके घाट पर भ्रमण करने के लिए पहुंच गए। घाट पर वाच टावर से निगरानी की गई। ज्यादा भीड़ वाले क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में लोगों को किया गया। शुक्रवार को शाम चार बजे से ही अर्घ्‍य पड़ने लगे थे। उसके बाद भी भीड़ ज्यादा हो गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी। एनाउंसिंग करके लोगों से ढ़ाई गज की दूरी बनाने तथा मास्क पहने रहने की हिदायत दी गई। हालांकि, भीड़ में बड़ी तादाद में लोग बगैर मास्‍क के दिखे। ढ़ाई गज दूरी बनाकर रहने की बात भी बेमानी होती दिखी।

पुलिस छावनी में तब्दील रहा बांसघाट गेट

प्रशासन ने बांसघट को खतरनाक घोषित कर दिया था। यहां बड़ी संख्या में व्रत करने वाले पहुंचते हैं। यहां पहुंचे व्रतियों को कलेक्ट्रेट घाट की तरफ भेज दिया गया। हर साल की तरह लोग इस गेट से जाना चाहते थे।

वाहन पार्किंग में तब्दील हुआ गांधी मैदान

गांधी मैदान वाहन पार्किंग के रूप में तब्दील हो गया। यहां वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था की गई थी।

अधिकांश लोग नहीं पहने थे मास्क

घाट पर जाने वाले अधिकांश लोग मास्क नहीं पहने थे। प्रशासन की तरफ से महिलाओं से साड़ी, रूमाल मुंह पर रखने तथा पुरूषों से गमछा या रूमाल रखने की लगातार अपील की जा रही थी।


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