मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने बिहार के पूर्व सीएम मांझी को दी नसीहत, कहा-अनुचित हैं आपके शब्द
बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष (Chairman of Madarsa Education Board) ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बयान पर आपत्ति जताई है। कहा कि बोलने की आजादी का मतलब हर्गिज ये नहीं है कि कोई किसी का दिल दुखाने वाला बयान देता चले।
बेगूसराय, जागरण संवाददाता। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) के बयान से बवाल मचा है। मांझी पर कई जिलों में परिवाद दायर किया गया है। जगह-जगह पुतला दहन किया गया है। अब बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष (Chairman of Madarsa Education Board) ने भी जीतन राम मांझी के बयान पर आपत्ति जताई है। बोर्ड के अध्यक्ष अब्दुल कैयूम अंसारी ने कहा कि बोलने की आजादी का मतलब हर्गिज ये नहीं है कि कोई किसी का दिल दुखाने वाला बयान देता चले। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान को किसी संदर्भ में उचित नहीं ठहराया जा सकता। एक कार्यक्रम के सिलसिले में बेगूसराय पहुंचे अंसारी ने सर्किट हाउस में ये बातें कहीं।
किसी की भावना के साथ खिलवाड़ का अधिकार नहीं
उन्होंने कहा कि संविधान में सभी को बराबरी का अधिकार है। कोई किसी की भावना से खिलवाड़ नहीं कर सकता है। ऐसे में जीतन राम मांझी का बयान निंदनीय है। बिहार में शराबबंदी कानून की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम सराहनीय है। इससे बिहार तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के लोग भी सरकार के इस निर्णय के साथ आएं। इसे बढ़ावा दें।
बिना रूटचार्ट के रवाना हुआ जागरूकता रथ
इस अवसर पर बोर्ड के अध्यक्ष ने सर्किट हाउस से जागरूकता रथ को रवाना किया। हालांकि, इस रथ के लिए कोई रूट चार्ट किसी पदाधिकारी या शिक्षा विभाग के कर्मचारी के पास नहीं था। मौके पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रतन कुमार, शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना रविंद्र साह, जदयू प्रदेश महासचिव अस्मत खातून, वक्फ कमेटी के जिलाध्यक्ष मो. दाउद, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक मुफ्ती मो. खालिद हुसैन कासमी, अंजुमन उर्दू तरक्की के जिला सचिव हाफिज मो. रूहुल्लाह, मास्टर मोतीउर रहमान, एकंबा मदरसा के नूर आलम आजमी सहित मदरसों के दर्जनों शिक्षक मौजूद थे।