केंद्र सरकार ने दूर की बिहार की बड़ी मुश्किल, बिजली वितरण की व्यवस्था सुधारने में मिलेगी मदद
Bihar Electricity News केंद्र सरकार की ओर से दी गई छूट बिजली में सुधार के लिए है। राज्य सरकार की मांग पर इसमें 0.5 फीसद का इजाफा किया गया है। यानी अब राज्य सरकार बाजार से राज्य सकल घरेलू उत्पाद का साढ़े चार फीसद तक उधार ले सकती है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Government News: केंद्र सरकार ने बाजार से उधार लेने के मामले में बिहार सरकार को थोड़ी और रियायत दी है। अब सरकार राजकोषीय घाटा को पाटने के लिए सकल घरेलू उत्पाद के साढ़े चार फीसद तक बाजार से उगाही कर सकती है। उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बीते पांच अगस्त को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन दिया था। उधार लेने की सीमा एक फीसद बढ़ाने की मांग की थी। केंद्र ने 0.5 फीसद बढ़ाने की इजाजत दी है। मालूम हो कि चालू वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटा की सीमा राज्य का सकल घरेलू उत्पाद का चार फीसद निर्धारित किया गया था। इसमें 3.5 फीस बिना शर्तों के था। 0.5 प्रतिशत शर्तों के साथ निर्धारित किया गया था।
साढ़े चार फीसद तक उधार ले सकती है सरकार
केंद्र सरकार की ओर से दी गई छूट बिजली में सुधार के लिए है। राज्य सरकार की मांग पर इसमें 0.5 फीसद का इजाफा किया गया है। यानी अब बिना शर्त और शर्त के साथ राज्य सरकार बाजार से राज्य सकल घरेलू उत्पाद का साढ़े चार फीसद तक उधार ले सकती है। बिहार में बिजली वितरण की व्यवस्था पर केंद्र संतुष्ट नहीं है।
अंतिम तिमाही की राशि भी पहले
केंद्र ने राज्य के एक और अनुरोध को आंशिक तौर पर स्वीकार किया है। उप मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री को दिए ज्ञापन में कहा था कि उधार की पूरी राशि की उगाही के लिए निर्धारित समय सीमा को थोड़ा शिथिल किया जाए। उधार की 75 फीसद राशि की उगाही पहले तीन तिमाही में की जाती है। इसकी मंजूरी मिली हुई है, लेकिन अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) की 25 फीसद राशि की उगाही की मंजूरी में देरी होती है। आम तौर पर इसकी मंजूरी जनवरी से मार्च के किसी महीने में मिलती है। इससे खर्च करने में असुविधा होती है। इसलिए आखिरी तिमाही की उगाही की मंजूरी अभी दे दी जाए। केंद्र ने अंतिम तिमाही की 10 फीसद राशि की उगाही की मंजूरी दे दी है।
करीब 32 हजार करोड़ की होगी उगाही
चालू वित्त वर्ष में राज्य सरकार बाजार से उधार के तौर पर 31 हजार आठ सौ पांच करोड़ रुपये उगाही करेगी। यह पूर्व के अनुमान पर आधारित है। भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से 26 हजार 233 करोड़ रुपये की उगाही बाजार से होगी। नाबार्ड से 24 सौ करोड़ और राष्ट्रीय सहकारी निगम से दो सौ 71 करोड़ का कर्ज प्रस्तावित है। बाह्य संपोषित योजनाओं के लिए सरकार बाजार से 29 सौ करोड़ रुपये उधार लेगी।